उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों की अनदेखी और हत्याकांड में अचानक आए उछाल को लेकर सियासत जारी है। अभी तक प्रदेश की योगी सरकार पर विपक्षी पार्टियों द्वारा ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप लगता था, लेकिन अब अंदरखाने से भी आवाज उठने लगी है। सुल्तानपुर में लंभुआ विधान सभा सीट से भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी ने यूपी सरकार के कार्यकाल में ब्राह्मणों की हत्या को लेकर प्रश्न पूछने के लिए विधानसभा की प्रक्रिया और संचालन नियमावली 1958 के तहत सूचीबद्ध कराने के लिए प्रपत्र दिया है। हालांकि इस लेटर का दैनिक भास्कर पुष्टि नहीं करता है। वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि, ब्राह्मण समाज को मान-सम्मान व पूरी सुरक्षा की गारंटी चाहिए।
भाजपा विधायक ने मांगे इन सवालों के जवाब
अलीगढ़ विधायक के समर्थन में कहा था- इस्तीफा दे दूंगा
विधायक देवमणि दुबे ने हाल ही में अलीगढ़ के विधायक राजकुमार सहयोगी से मुलाकात की थी। दरअसल, अलीगढ़ में गोंडा थाने के प्रभारी और विधायक राजकुमार सहयोगी के बीच मारपीट हुई थी। तब विधायक देवमणि ने अलीगढ़ डीएम से मुलाकात कर घटना की जानकारी ली थी। उन्होंने विधायकों के साथ पुलिस और प्रशासन के दुर्व्यवहार को गलत बताते हुए कहा था कि अगर ये नहीं रुका तो वे इस्तीफा दे देंगे।
मायावती ने कहा- सुरक्षा की गारंटी चाहिए
बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि यूपी भाजपा सरकार द्वारा गरीब ब्राह्मणों का बीमा कराने की बात इस वर्ग के प्रति केवल अपनी कमियों पर पर्दा डालने के लिए ही लगता है। जबकि ब्राह्मण समाज को वास्तव में बीमा से पहले उन्हें सरकार से अपने मान-सम्मान व पूरी सुरक्षा की गारंटी चाहिए। सरकार इस ओर ध्यान दे तो बेहतर है। दरअसल, भाजपा के नेता उमेश द्विवेदी ने कहा था कि सरकार गरीब ब्राह्मणों के लिए मेडिकल इंश्योरेंस की व्यवस्था करे।
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