कोरोना की दूसरी लहर में गोरखपुर में शहर से लेकर गांवों तक मातम पसरा हुआ है। कहीं 7 दिन के अंदर एक ही गांव के 10 लोगों की मौत हो गई, तो एक परिवार ऐसा भी है जहां महज 9 दिनों में 4 लोगों की जान चली गई। हैरान करने वाली बात ये है कि इनमें से ज्यादातर लोगों ने अपना टेस्ट भी नहीं कराया था। हालांकि मरने वाले सभी लोग बुखार, खांसी, सर दर्द, सांस लेने में परेशानी का सामना कर रहे थे। कई जगह दहशत में आए लोगों ने खुद को घरों में कैद कर लिया है।
पिपराइच के लुहसी में 12 दिन में उठीं 9 अर्थियां
पिपराइच इलाके के लुहसी गांव में महज 12 दिन के भीतर चचेरे भाइयों समेत 9 लोगों की अर्थियां उठने से पूरा गांव दहशत में है। हालात यह है कि डर की वजह से लोग अब घर से बाहर भी नहीं निकल रहे हैं। पूरे गांव में सन्नाटा पसरा है। हालांकि, इनमें से सभी मौतें कोरोना से हुई हैं, फिलहाल यह साफ नहीं हुआ है।
लुहसी गांव में पूर्व भाजपा विधायक लल्लन के पुत्र अविनाश (50) की मौत हुई थी। लोग इस सदमे से उबर पाते कि उनके चचेरे भाई शैलेंद्र (50) की भी मौत हो गई। गांव वालों की माने तो पिछले 9 दिन में ही कन्हैया (47), बिंदु यादव (52), आशिक अली (68), भल्लन यादव (70), अविनाश तिवारी (50), सना खातून (20) पतिया देवी (65), लवजारी (60) की मौत हो चुकी है। फिलहाल अविनाश और शैलेंद्र की मौत की वजह स्पष्ट नहीं है।
बड़हलगंज के बैरियाखास में एक हफ्ते में 10 मौतें
बड़हलगंज के बैरियाखास में एक हफ्ते के अंदर 10 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां बैरिया खास गांव के छविलाल, मुक्सुत, भामी देवी, कैलाशी देवी, बालकिशुन, बालकुंवर, देवाजीत, नंदलाल, इसरावती व अवतारी देवी की कोरोना से मौत हो गई है। गांव में इतनी संख्या में हुई मौतों से ग्रामीण दहशत में हैं।
बहराइच में 9 दिन में एक परिवार के 4 लोगों की जान गई
व्यापार मंडल पिपराइच के संरक्षक गोपाल विश्वकर्मा (68) की रविवार को मौत हो गई। वे कोरोना से संक्रमित थे। बीते 9 दिनों में परिवार के तीन अन्य लोग भी कोरोना संक्रमण के शिकार हो गए। एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत से यहां दहशत का माहौल है।
जानकारी के मुताबिक, गोपाल विश्वकर्मा के छोटे भाई 58 वर्षीय गुलाब विश्वकर्मा का 28 अप्रैल व उनके बड़े बेटे 46 वर्षीय राजू विश्वकर्मा की मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में मौत हो गई थी। यह सुनकर वे सदमे में आ गए। उन्हें गोरखपुर में भर्ती कराया गया था। इसी बीच, शनिवार को उनके भतीजे 36 वर्षीय दीपक विश्वकर्मा की मौत की खबर मिलते ही उनकी तबीयत बिगड़ गई और रविवार को उनकी मौत हो गई।
ब्रम्हपुर गांव में 20 दिन में कोरोना से 6 की मौत
ग्राम पंचायत ब्रम्हपुर में बीते 20 दिन में 6 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। 22 अप्रैल को सर्वेश द्विवेदी (28) की कोरोना से मौत हो गई थी। उनके पिता रामानुज दुबे का 24 अप्रैल रविवार की रात निधन हो गया। 48 घंटे के अंदर परिवार के दो सदस्यों को कोरोना निगल गया। उनका 40 साल का बड़ा बेटा भी कोरोना संक्रमित था, जो नंदानगर टीबी अस्पताल में भर्ती था, उसकी भी 2 मई को मौत हो गई। इससे पूर्व ब्रह्मपुर की शीला शर्मा एक मई को चल बसीं। जंठ मिस्त्री के पुत्र की 4 मई को कोरोना से मौत हो गई।
सरकारी आंकड़ों में केवल 14 मौतें दर्ज हुईं
भले ही गांव-गांव और शहर की गलियों में लोगों की लगातार जानें जा रहीं हैं, लेकिन सरकारी आंकड़ों में केवल 10 से 14 मौतें ही दर्ज हो रहीं हैं। रविवार को गोरखपुर में 985 कारोना संक्रमित मिले हैं, जबकि 24 घंटे में स्वस्थ होने वालों की संख्या 1264 है।
BRD मेडिकल कॉलेज में 10 साल के एक बच्चे सहित 14 लोगों की मौत हुई है। सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडेय ने बताया कि जिले में संक्रमितों की संख्या 49682 हो गई है। 41078 लोग स्वस्थ हो गए हैं। 522 की मौत हो चुकी है। 8082 सक्रिय मरीज हैं।
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