पूर्व IAS सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ वाराणसी के लंका थाने में केस दर्ज किया गया है। उन्होंने बीते शनिवार को CM योगी आदित्यनाथ के दौरे के समय सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया। जिसमें उन्होंने अस्लताल और इलाज की व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े थे। हालांकि पुलिस ने उस वीडियो को पुराना और गलत करार दे दिया। वहीं, पूर्व IAS ने भी अपनी पोस्ट डिलीट कर दी। उन पर अफवाह फैलाने के आरोप में केस दर्ज हुआ है।
हालांकि सूर्य प्रताप सिंह के तेवर नरम नहीं पड़े हैं। उन्होंने फिर सोशल मीडिया पर लिखा, योगी सरकार को समझना चाहिए कि जब कोई कमियों को उजागर करता है तो एक तरह से वह सरकार की मदद ही करता है। सरकार उजागर कमियों को सुधारे न कि उनको छुपाने के लिए मुकदमेबाजी (FIR) का सहारा ले। मेरे जैसे लोगों के खिलाफ FIR करने से यदि कोरोना से मर रहे लोगों की जान बच सके तो जरूर करो।
शनिवार को पोस्ट किया वीडियो
दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को वाराणसी में कोविड-19 महामारी से बचाव और इलाज की समीक्षा करने पहुंचे थे। जिस पर सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा, योगी जी उछलकूद से काम नहीं चलेगा, परिणाम भी चाहिए। आप वाराणसी में समीक्षा कर रहे हैं, जरा गरीब के इस रुदन को भी सुन लीजिएगा। वाराणसी के इन अस्पताल में एडमिट कोरोना पॉजिटिव मरीज का शव नाले में मिला। दो दिन से मरीज लापता था, परिजन खोज रहे थे।
24 सितंबर 2020 का निकला मामला
ADCP काशी जोन विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि सूर्य प्रताप सिंह की पोस्ट की ACP भेलूपुर से जांच कराई गई है। जांच में सामने आया कि जो वीडियो पोस्ट किया गया था वह 24 सितंबर 2020 का है। उस दौरान नाले में शव मिलने के घटना की मजिस्ट्रीयल जांच भी हुई थी। उस प्रकरण में कोई कार्रवाई अब शेष नहीं है। सूर्य प्रताप सिंह ने पुराना वीडियो गलत तथ्यों के साथ पेश कर अफवाह फैलाने और प्रशासन की छवि को धूमिल करने का काम किया है। इसलिए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
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