यूपी पुलिस भर्ती से जुड़ा दो हैशटैग ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है। पहला #UP_POLICE_VACANCY और दूसरा RecordRecruitmentUPP का। पहले वाले हैशटैग की संख्या 1 मिलियन पार कर चुकी है। युवा इसका प्रयोग नई भर्ती निकालने की मांग में कर रहे हैं। दूसरे वाले हैशटैग के साथ लोग दावा कर रहे हैं कि सरकार ने पांच साल में डेढ़ लाख नौकरी दी है। इसके समर्थन में दूसरा वाला हैशटैग चल रहा है।
इन दोनों ट्रेंड के बीच यूपी पुलिस और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने 4 साल से कोई नौकरी नहीं निकाले जाने का खंडन किया है। सरकार ने इसे भ्रामक बताया है। असलियत क्या है आइए जानते हैं।
पहले बीजेपी सांसद वरुण गांधी का यह ट्वीट और अब तक भर्ती की मांग को लेकर चले ट्रेंड को देख लीजिए।
अब सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने यह सफाई दी है।
4 साल से कोई भर्ती नहीं निकली
बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने लिखा, "4 साल से भर्ती का इंतजार कर रहे युवाओं को न भर्ती मिली न कोई उम्मीद।" इसी तरह बाकी छात्रों ने भी 4 साल से भर्ती न आने का दावा किया। उनके इस दावे को देखने बाद पता चलता है, आखिरी बार दिसंबर 2018 में आरक्षी और समकक्ष पदों पर 49,568 पदों की भर्ती निकाली गई थी। इसके पहले जनवरी 2018 में 41,520 पदों पर भर्ती हुई थी। 2019, 2020 में सरकार के मंत्रियों ने भर्ती निकालने की बात तो कही, लेकिन किसी सिविल पुलिस भर्ती का नोटिफिकेशन नहीं जारी हुआ।
चुनाव से ठीक पहले भी सरकार ने दावा किया था
11 फरवरी 2022 को यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने कुल भर्तियों के बारे में बताया। उसमें बताए गए आंकड़ों के मुताबिक 1 अप्रैल 2017 से 11 फरवरी 2022 तक कुल 12 पदों पर 1 लाख 44 हजार 194 अभ्यर्थियों का सेलेक्शन हुआ। विभाग ने जो आंकड़े जारी किए उसमें उन संख्याओं को भी जोड़ा है जो सिर्फ प्रस्तावित थे, उनका कोई नोटिफिकेशन नहीं जारी हुआ।
विभाग ने जो आंकड़े जारी किए उसे यहां देखिए।
इसमें सबसे चर्चित भर्ती आरक्षी नागरिक पुलिस/फायरमैन-2021 की है। इसमें 26 हजार 382 पदों पर भर्ती होनी थी, इसके टेंडर की कार्रवाई प्रचलित थी। ठीक इसी तरह उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस की सीधी भर्ती-2021 में 829 पदों पर भर्ती होनी थी, लेकिन अभी तक वह भी पेंडिंग है।
पुरानी सरकार में आई भर्तियां योगी सरकार में पूरी हुई
2015 में सिविल पुलिस और पीएसी के 34,716 पदों पर भर्ती निकाली गई। इसके अलावा 2013 में सिविल पुलिस/पीएसी और फायरमैन की 5,498 भर्ती। 2016 की उपनिरीक्षक, प्लाटून कमांडर और FFSO के 2486 पदों की भर्ती भी योगी सरकार के कार्यकाल में पूरी हुई।
जनसंपर्क विभाग ने ट्विटर पर 4 साल से पुलिस भर्ती नहीं आने की बात को खारिज कर रही है। आइए उनका तर्क जानते हैं।
यूपी पुलिस व विभाग ने ट्रेंड को सुनियोजित और भ्रामक बताया
यूपी के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग और यूपी पुलिस ने पुलिस भर्ती को लेकर चलाए जा रहे ट्रेंड को भ्रामक और सुनियोजित बताया। यूपी पुलिस ने अपने ट्वीट में बताया कि पिछले पांच सालों में यूपी के अंदर 1 लाख 53 हजार 728 पदों पर भर्ती हुई। यहां एक चीज गौर करने वाली है। हैशटैग के साथ कहीं भी पांच साल में पुलिस भर्ती नहीं आने का जिक्र नहीं है। बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी अपने ट्वीट में 4 साल से पुलिस भर्ती नहीं आने का जिक्र किया है।
भर्तियों के समर्थन में 20 हजार से अधिक ट्वीट
ट्विटर पर यूपी सरकार के समर्थन में हैशटैग #RecordRecruitmentUPP चला। शाम 4 बजे तक इस हैशटैग के साथ 21 हजार 200 ट्वीट किए गए थे। एक यूजर ने लिखा, यूपी की बागडोर सुरक्षित हाथों में है। यूपी पुलिस ने भी इस हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए लिखा, पिछले 5 वर्षों में 1 लाख 55 हजार 728 भर्तियां की गई। इसमें 22 हजार से अधिक महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती शामिल है।
सरकार ने माना कि पद खाली हैं
मार्च 2022 में नई सरकार के गठन के बाद मई में विधानसभा का सत्र शुरू हुआ। सरकार ने विधानसभा में बताया कि यूपी पुलिस में सिविल पुलिस कॉस्टेबल के 26,744 और पीएसी कॉन्स्टेबल में 8714 पद खाली हैं। 5 महीने के बाद भी इन पदों को भरने के लिए कोई पहल नहीं की गई। इस दौरान सरकार ने पुलिस विभाग में स्पोर्ट्स कोटे के 534 पदों को भरने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है।
फिलहाल...
पिछले चार सालों से भर्ती नहीं आने पर जो अभ्यर्थी 2018 में 18 साल के हुए थे वह अब 22 साल के हो गए। उनके पास अब भर्ती में शामिल होने के मौके खत्म हो गए। छात्रों की यह भी मांग है कि उन्हें उम्र में दो साल का रिलैक्सेशन दिया जाए और जल्दी से भर्ती निकाली जाए, ताकि कम से कम एक बार पुलिस भर्ती में शामिल हो सकें।
भर्ती की मांग रहे अभ्यर्थियों में यह पोस्टर सबसे ज्यादा चल रहा।
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