हाथरस गैंगरेप केस में सीबीआई (CBI) ने शुक्रवार को स्पेशल SC/ST कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। CBI ने 22 सितंबर को मौत से पहले पीड़ित के आखिरी बयान को आधार बनाकर 2000 पेज की चार्जशीट फाइल की है। चार्जशीट में कहा गया है कि चारों आरोपियों ने हत्या करने से पहले पीड़ित से गैंगरेप किया था।
पीड़ित से 14 सितंबर को गैंगरेप हुआ था। गंभीर हालत में लड़की को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई। CBI ने 11 अक्टूबर को हाथरस केस की जांच शुरू की थी। जांच के दौरान पीड़ित और आरोपियों के परिजन समेत 50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई है। घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने का दावा करने वाले चश्मदीद छोटू से भी कई बार पूछताछ की गई। क्राइम सीन के री-क्रिएशन के साथ घटनास्थल का नक्शा भी बनाया गया।
पीड़ित के भाई ने कहा- पहली सीढ़ी पर न्याय मिला
CBI ने इस मामले में आरोपी बनाए गए चार लोगों के खिलाफ IPC की धारा 325-SC/ST एक्ट, 302 (हत्या), 354 (महिला पर दुष्कर्म की नीयत से हमला), 376 A और 376 D (रेप) के तहत आरोप तय किए है। पीड़ित के भाई ने कहा- आज हमें पहली सीढ़ी पर न्याय मिला है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। हाथरस के DM को हटाया जाना चाहिए। पीड़ित की वकील ने चार्जशीट में चारों आरोपियों को दोषी ठहराए जाने की जानकारी दी।
कोर्ट ने हाथरस के DM और SP को तलब किया
कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 27 जनवरी तय की है। उस दिन हाथरस के DM प्रवीण कुमार और SP रहे विक्रांत वीर को तलब किया गया है। तब पीड़ित परिवार भी कोर्ट में मौजूद होगा। हालांकि, अभी तक कोर्ट ने पीड़ित परिवार को मकान और नौकरी देने के बारे में कोई आदेश नहीं दिया गया है। पीड़ित परिवार की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा- पीड़ित परिवार को कंपनसेशन दिलाने की जिम्मेदारी हाथरस DM की थी, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ।
पीड़िता के भाई का साइकोलॉजिकल टेस्ट होगा
CBI पीड़ित के भाई को फोरेंसिक साइकोलॉजिकल टेस्ट के लिए गुजरात लेकर जाएगी। हाथरस केस में पीड़ित के भाई ने ही FIR दर्ज कराई थी। सूत्रों की मानें, तो CBI को कुछ सवालों के सटीक जवाब चाहिए। इसलिए, पीड़ित के भाई का यह टेस्ट कराया जा रहा है। इस तरीके से पूछताछ में डायरेक्टर और इनडायरेक्ट सवाल किए जाते हैं। पूरी प्रोसेस की रिकॉर्डिंग की जाती है।
CBI ने अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपियों को पिछले महीने गुजरात ले जाकर उनका ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवाया था। आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट और बायोस प्रोफाइलिंग भी हुई थी। इसकी रिपोर्ट एक हफ्ते पहले ही CBI को मिल चुकी है।
पुलिस ने गुपचुप तरीके से रात में किया था अंतिम संस्कार
सफदरजंग अस्पताल में 29 सितंबर को पीड़ित की मौत के बाद पुलिस रात में ही उसका शव गांव ले गई थी। वहां परिवार की गैरमौजूदगी में पुलिस ने गुपचुप तरीके से पीड़ित का अंतिम संस्कार कर दिया था। उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल उठने के बाद CM योगी आदित्यनाथ ने घटना की CBI जांच की सिफारिश की थी।
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