कानपुर के बिकरु गांव में 8 पुलिसवालों की हत्या करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे शुक्रवार सुबह कानपुर के पास एनकाउंटर में मारा गया। वह 5 लाख का इनामी था। गैंगस्टर विकास गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था। विकास महाकालेश्वर का भक्त था। घर पर भी रोज 2 घंटे पूजा करता था। इसके साथ सावन के महीने में वह सोमवार को आनंदेश्वर मंदिर में दर्शन करने के लिए जाता था। विकास ने महंत शोभन सरकार के कहने पर 2003 में हाथ के अंदर ऑपरेशन करवाकर जीवनरक्षक दुर्गा कवच को डलवा लिया था।
उधर, विकास की गिरफ्तारी के बाद उनकी मां सरला देवी के भी सुर बदले नजर आए। उन्होंने कहा कि बेटे को महाकाल ने बचाया। सुबह बच्चे टीवी देख रहे थे, तभी हमें गिरफ्तारी की खबर मिली। मध्य प्रदेश में विकास की ससुराल है। वह हर साल महाकाल के दरबार में जाता था, जहां वह बाबा का शृंगार करता था। महाकाल ने ही उसे बचाया है। सरकार जो उचित समझे, करे। मेरे कहने से कुछ नहीं होगा। वे भाजपा में तो हैं नहीं, सपा में हैं। इससे पहले कानपुर शूटआउट के बाद विकास की मां ने कहा था कि उनके बेटे ने जो किया है, उसके लिए उसका एनकाउंटर ही होना चाहिए।
एनकाउंटर से बचने के लिए महाकाल आया था
विकास दुबे 2 जुलाई की रात से फरार था। 6 दिन से वह पुलिस को चकमा दे रहा था। गुरुवार को वह महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल के दर्शन करने गया था। उसका मानना था कि महाकाल के दर्शन करने से अकाल मृत्यु से मुक्ति मिल जाती है। 10 जुलाई को सुबह कानपुर के भौती में पुलिस ने उसका
घर में मंदिर बनवाया
विकास ने 2001 में कानपुर देहात के शिवली थाने के भीतर भाजपा नेता और राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या कर दी थी। इस घटना के 4 महीने बाद उसने कोर्ट में सरेंडर किया। बाद में जेल से छूटा तो उसे हर पल जान पर खतरा सताने लगा था। गांव में भी उसने घर में मंदिर बना रखा था।
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