माफिया अतीक अहमद की क्राइम फाइल में पहली बार सजा का पन्ना जुड़ा है। उसे उमेश पाल अपहरण में 28 मार्च को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। अब बारी उसके आर्थिक साम्राज्य के पूरी तरह से ध्वस्त होने की है। जिस पर पिछले 3 साल से एक्शन चल रहा है...लेकिन फिर भी यह खत्म नहीं हो रहा है। आज की संडे बिग स्टोरी में पढ़िए…अतीक का आर्थिक साम्राज्य।
अतीक अहमद। 1989 में पहली बार प्रयागराज पश्चिमी सीट से विधायक बना। दबंगई और अपने गैंग IS-227 के दम पर यहीं से उसने अपने आर्थिक साम्राज्य की नींव रखी। अतीक 20 साल तक विधायक और सांसद रहा। इस दौरान वह अकूत संपत्ति का मालिक बन गया। जमीन पर कब्जा और लैंड डीलिंग से शुरू किया कारोबार इन 20 साल में होटल, घर-फ्लैट, अपार्टमैंट खरीद-फरोख्त से होता हुआ हवाला तक पहुंच गया। लेकिन, 2017 में अतीक का वक्त बदला, सरकार बदली और उसके बुरे दिन शुरू हो गए।
अगर सिर्फ पिछले 3 साल की बात की जाए तो अतीक की करीब 1700 करोड़ की संपत्ति मिट्टी में मिल चुकी है। इसमें से करीब 1166 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति कुर्क हुई या फिर मुक्त कराई गई है। करीब 500 करोड़ की संपत्ति पर बुलडोजर चला है या फिर सीज कर दी गई है। सिर्फ यही नहीं, अब ED भी अतीक की करीब 100 करोड़ रुपए की संपत्ति पर कार्रवाई करने की तैयारी में है।
आइए अब पढ़ते हैं अतीक के आर्थिक साम्राज्य के बनने और उसके नेस्तनाबूद होने की कहानी…
15 साल में 3.37 करोड़ से 25.50 करोड़ पहुंची संपत्ति
अब तक आपने अतीक के आर्थिक साम्राज्य के विस्तार की बात पढ़ी, अब पढ़िए ध्वस्तीकरण की...
अतीक की 1700 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त
अतीक के खिलाफ ED कभी भी कर सकता है कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज
2021 में 8 करोड़ की संपत्ति ED ने जब्त की थी
ED ने नवंबर 2021 में फूलपुर में अतीक अहमद की 8 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी। यह प्रॉपर्टी अतीक की पत्नी शाइस्ता के नाम पर साढ़े चार करोड़ रुपए में खरीदी गई थी। अतीक और उसके परिवार की कंपनियों के कई बैंक खाते भी सीज कराए थे। इन बैंक खातों में सवा करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम जमा थी।
अतीक पर प्रशासन ने सितंबर 2021 से कसा शिकंजा
सरकार ने माफियाओं और हिस्ट्रीशीटर्स के अवैध मकानों, गेस्ट हाउस, होटल और काली कमाई से खरीदी गई संपत्ति को ढहाने व जब्त अभियान नए सिरे से सितंबर, 2021 में शुरू किया। इस आदेश के क्रम में PDA ने 5 सितंबर, 2021 को पहली कार्रवाई प्रयागराज में की थी।
अतीक अहमद के रिश्तेदार व हिस्ट्रीशीटर इमरान जई के पानी की टंकी तिराहे पर स्थित अवैध होटल और कार्यालय को ढहा दिया गया था। इसके बाद 7 सितंबर को नवाब यूसुफ रोड, हनुमान मंदिर चौराहा पास, महात्मा गांधी मार्ग पर अतीक के निर्माणाधीन अवैध व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स को ढहाया गया।
17 सितंबर को झूंसी में अतीक के कोल्ड स्टोरेज को नेस्तनाबूद कर दिया गया। यह कोल्ड स्टोरेज भी नजूल की जमीन पर चल रहा था। प्रयागराज, कौशांबी में अतीक के करीबी रिश्तेदारों और उनके गुर्गों के खिलाफ अवैध निर्माणों को खोज-खोजकर ढहाने की कार्रवाई की गई।
अतीक की 17 करोड़ की जमीन पर बन रहा गरीबों का आशियाना
अतीक की 17 करोड़ जमीन पर प्रयागराज में गरीबों के लिए आशियाना बनाया जा रहा है। इसका भूमि पूजन सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया था। यह जमीन 1731 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में है। जमीन नजूल की थी, जिस पर अतीक अहमद का पिछले करीब 20 सालों से कब्जा था। PDA ने इसे ध्वस्त कर दिया था। अब सरकार इस पर करीब 76 फ्लैट बना रही है। एक फ्लैट की कीमत साढ़े छह लाख रुपए होगी।
आखिर कितनी है अतीक की संपत्ति? जवाब किसी के पास नहीं
आखिर अतीक के पास कितनी वैध-अवैध संपत्ति है। इसका सटीक जवाब न तो प्रशासन और न ही पुलिस के किसी अधिकारी के पास है। हर महीने-दो महीने की जांच के बाद अतीक की अवैध संपत्तियों का पता चलता है तो प्रशासन उसकी जब्ती की कार्रवाई करता है। करीब 4-5 साल से यह सिलसिला लगातार चल रहा है...लेकिन फिर भी अवैध संपत्तियों की लिस्ट खत्म नहीं हो रही है।
उमेश हत्याकांड के बाद एक बार फिर अतीक सुर्खियों में है। उसकी अकूत संपत्ति का पता लगाया जा रहा है, लेकिन प्रशासन कितनी संपति का पहुंच पाएगा। यह सवाल अभी सवाल ही बना हुआ है।
अतीक गैंग को खत्म करने का प्लान रेडी
आज रविवार है...और इस बार संडे स्टोरी में पढ़िए...अतीक अहमद की स्टोरी। उमेश हत्याकांड के बाद यूपी पुलिस ने अतीक और उसके गैंग के गेम ओवर का प्लान तैयार कर लिया है।
उमेश हत्याकांड के 24 दिन बीत चुके हैं। हत्याकांड के दो आरोपी एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं, एक घायल है। तीन आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चल चुका है। 5 आरोपियों पर पांच-पांच लाख रुपए का इनाम घोषित किया जा चुका है। यहां पढ़ें पूरी खबर
अतीक की क्राइम फाइल- 39 की कुंडली
उमेश पाल की हत्या के बाद से अतीक अहमद का नाम एक बार फिर चर्चा में है। परिवार दर बदर है, तो अतीक अहमदाबाद की जेल में बेचैन है, क्योंकि यूपी पुलिस उससे पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। अतीक के जुर्म की एक लंबी दास्तान है, जो शुरू तो होती है प्रयागराज से, लेकिन मशहूर पूरे देश में है।
अतीक पर 1979 में हत्या का पहला मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद उसने अपनी गैंग बनाई, जिसे IS- 227 नाम दिया। आज इस गैंग के 34 शूटर नामजद हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर
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