यूपी टेट-2021 का पर्चा लीक होने की वजह से परीक्षा रद्द कर दी गई। इसके बाद छात्रों का गुस्सा बढ़ गया। परीक्षा केंद्र से बाहर निकले छात्र कह रहे हैं कि सरकार पूरी तरह फेल साबित हो गई है। उनकी सालों की मेहनत बर्बाद हो गई है। उनका कहना है कि सरकार यदि परीक्षा की सुरक्षा नहीं कर सकती तो नौकरी की गारंटी क्या देगी?
पढ़िए परीक्षार्थियों का दर्द और गुस्सा...
1200 किलोमीटर दूर से आई थीं परीक्षा देने
गुजरात के सूरत से मथुरा में परीक्षा देने आईं राधा विश्वकर्मा ने बताया कि वह 2 साल की बेटी को छोड़कर 1200 किलोमीटर दूर से आई हैं। पेपर बहुत अच्छा था, लेकिन पता चला कि कैंसिल हो गया तो बहुत दुःख हुआ। मथुरा नगर की सोनम सारस्वत ने बताया कि वह 6 महीने से मेहनत कर रही थीं, अब पता नहीं कब डेट आएगी। सरकार परीक्षा कराने में फेल साबित हुई है।
दिव्यांग बोले- सरकार ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया
मेरठ के एनएएस इंटर कॉलेज में पेपर देने आई दिव्यांग ज्योति ने कहा कि वह 2 साल से तैयारी कर रही थीं। कोचिंग में 10 हजार रुपए खर्च करने के बाद नौकरी मिलने की उम्मीद थी। लेकिन, सरकार ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। दिव्यांग आजाद ने कहा कि सरकार को हमारी जरा भी चिंता नहीं है। कोई भी परीक्षा हो, सब कैंसिल हो रही है। वंदना ने कहा कि उन्होंने लगभग 50 सवाल हल कर लिए थे। इसके बाद कहा गया पेपर निरस्त है। इस बार पेपर आसान था, अगली बार पेपर कितना कठिन आएगा, पता नहीं।
BJP सरकार और प्रशासन की नाकामी
लखनऊ के तमाम केंद्रों पर 11:00 बजे तक परीक्षाएं जारी रहीं। इस बीच एग्जाम कैंसिल होने की जानकारी सेंटर के बाहर खड़े उनके परिजनों तक पहुंची तो उन सभी में भी आक्रोश दिखा। शारदा नगर के रजनी खंड इलाके के आवासीय इंटर कॉलेज के बाहर परिजन विकास कुमार दुबे अपनी पत्नी को लेकर परीक्षा दिलाने केंद्र पर पहुंचे थे।
अमित कुमार कहते हैं कि यह सरकार और प्रशासन की नाकामी है। सबकी लापरवाही की वजह से यह पेपर रद्द हुआ है। क्या कोई यह कह सकता है कि जिस माइंडसेट से आज परीक्षार्थी एग्जाम दे रहे हैं, उसी माइंडसेट से 1 महीने बाद भी देंगे।
निराश हुए छात्र- बोले बहुत परेशानी उठाई
आगरा के संत रामकृष्ण कन्या इंटर कॉलेज में पौने 11 बजे परीक्षा निरस्त होने के बाद परीक्षार्थी बाहर निकले। बीच में परीक्षा निरस्त होने से सभी निराश थे। फतेहाबाद से आए मुकेश कुमार का कहना था कि बिना कोई कारण बताए पेपर वापस ले लिया। पेपर बहुत अच्छा था। अब पता नहीं कब परीक्षा होगी, कहां सेंटर बनेगा। परीक्षार्थी शिखा भी पेपर निरस्त होने से काफी निराश थीं। उनका कहना था कि दो साल बाद तो परीक्षा हुई। 50 से ज्यादा प्रश्नों के वो उत्तर दे चुकी थीं। सरकार की लापरवाही छात्रों पर भारी पड़ रही है।
सरकार की नाकामी से छात्रों को परेशानी
ग्वालियर से आगरा आए बुद्धप्रकाश का कहना था कि वह रात को सफर कर सुबह यहां पहुंचे। पेपर भी ठीक चल रहा था। सरकार की नाकामी के कारण छात्रों को परेशानी हुई है। आने-जाने में ही उनका खर्चा हो गया। अब दोबारा फिर से खर्चा करना होगा। इसी तरह हरियाणा से आए अनिल भी परेशान थे। अनिल का कहना था कि वो दो लोग तीन हजार रुपए में गाड़ी कर पेपर देने आए थे। उन्हें फिर से आना होगा।
खर्चा की भरपाई क्या प्रदेश सरकार करेगी?
वाराणसी में परीक्षा देने इंदौर से आईं पूनम मिश्रा बताती हैं कि वह सेकेंड क्लास में टिकट कराकर बनारस आईं थीं। बच्चों को छोड़कर केवल परीक्षा के लिए आईं। अब पैसे तो छोड़िए पूरी मेहनत फिर से करनी होगी। आदर्श द्विवेदी ने बताया कि UP सरकार UPTET नहीं करा पाई। राज्य सरकार परीक्षा नहीं करा पा रही है तो यह जिम्मेदारी NTA या किसी सेंट्रल एजेंसी को सौंप दे। सासाराम से आई एक कैंडिडेट बताती हैं कि वह कल रात आईं तो पहले होटल के लिए परेशान होना पड़ा। अब परीक्षा रद्द हो गई। इतना खर्चा हुआ, जिसकी भारपाई क्या यहां की प्रदेश सरकार करेगी।
सभी की परीक्षा नहीं करनी चाहिए निरस्त
प्रयागराज में रामबाग स्थित सेवा समिति परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देने आए उत्कर्ष ने बताया कि हम लोग तीन-चार माह से लगातार तैयारी कर रहे थे। अब पूरी मेहनत पर पानी फिर गया। सरकार को इस मामले में संलिप्त लोगों के खिलाफ राष्ट्रादोह का मुकदमा कर कार्रवाई की जानी चाहिए। जागृति मिश्रा ने कहा कि यह प्रशासन की नाकामी है, जो परीक्षा शुरू होने की पहले ही पेपर लीक हो गया। सभी परीक्षार्थियों की परीक्षा नहीं निरस्त करना चाहिए।
सरकार की मंशा नौकरी देने की नहीं
कानपुर के 76 सेंटर पर आयोजित UP-TET का पेपर लीक होने के बाद परीक्षार्थियों को गुस्सा फूट पड़ा। कुछ सेंटर पर परीक्षार्थियों ने हंगामा करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की सख्ती के बाद वे भाग खड़े हुए। रवि कौशल ने कहा कि सरकार की मंशा नौकरी देने की नहीं है। मनोज मौर्य ने बताया कि वे 80 सवालों के जवाब तक दे चुके थे, अब परीक्षा कैंसिल कर दिया गया है।
छात्रों के साथ धोखा हुआ
जौनपुर के तिलकधारी महाविद्यालय में छात्रों में आक्रोश देखने को मिला। विजय लक्ष्मी सिंह कहती हैं कि छात्रों के साथ धोखा हुआ है। इस बार उम्मीद थी कि परीक्षा पास कर भर्ती हो जाती। ममता पांडेय परीक्षा देने के लिए राजस्थान के जयपुर से आईं थीं। वह मूल रूप से आजमगढ़ की हैं। उनका कहना है कि पेपर अच्छा था, लेकिन अब पेपर निरस्त होने की वजह से सब गड़बड़ हो गया। दोबारा तैयारी करनी पड़ेगी। पूजा देवी परीक्षा निरस्त होने के बाद सेंटर के बाहर अपनी गोद में 8 महीने की बच्ची को लेकर बैठी थीं। वह महराजगंज से सुबह 7 बजे गाड़ी किराए पर लेकर आई थीं। उन्होंने परीक्षा की सुरक्षा पर सवाल उठाया।
सरकार को बताया विफल
आजमगढ़ में परीक्षा देने आए छात्र कृष्णा गुप्ता का कहना है कि सरकार की लापरवाही से पर्चा लीक हुआ है। इससे हम लोगों की तैयारी बेकार हुई। ईश्वर सिंह ने कहा, यदि सरकार इस मामले में थोड़ी भी सतर्कता बरतती तो पर्चा लीक न होता। हम लोग छह माह से तैयारी कर रहे थे। अक्षय यादव ने सरकार को विफल बताया।
दोषियों को सख्त सजा दिलाए सरकार
बुलंदशहर से अलीगढ़ परीक्षा देने आए लोकेंद्र सिंह का कहना था कि 1 साल से परीक्षा की तैयारियों में जुटा था। लेकिन, पेपर लीक होना सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है। बबराला से आए रजत ने बताया कि परीक्षा के लिए उसकी तैयारी काफी अच्छी थी। अब दोबारा से तैयारी में जुटना पड़ेगा। सरकार जल्द से जल्द परीक्षा कराए और युवाओं के भविष्य के साथ ऐसा खिलवाड़ करने वाले लोगों को सख्त से सख्त सजा दिलाए।
नकल माफियाओं पर कार्रवाई में सरकार फेल
गोरखपुर में कुशीनगर की रहने वाली प्रियंका ने कहा कि ये उन लोगों के लिए बड़ा झटका है। सीधे तौर पर सरकार और प्रशासन से बड़ी चूक हुई है। नहीं तो चंद रुपए की लालच में ये लोग प्रश्नपत्र क्यों लीक होते। बक्शीपुर की रहने वाली अनुपमा ने कहा कि नकल माफियाओं पर कार्रवाई में सरकार फेल है। यूपी में ज्यादातर पेपर लीक हो रहे हैं। छात्रों के भविष्य के साथ यह खिलवाड़ है।
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