जौनपुर के पूर्व सांसद और बाहुबली धनंजय सिंह की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 25 हजार के इनामी धनंजय सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया। धनंजय सिंह पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड में आरोपी है।
पिछले दिनों कोर्ट ने धनंजय की FIR निरस्त करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने धनंजय को दो हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश दिया था, लेकिन धनंजय सिंह कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ है।
फतेहगढ़ जेल से रिहा होते ही फरार हुआ था पूर्व सांसद
पूर्व सांसद धनंजय सिंह साल 2017 में जौनपुर के खुटहन थाने में दर्ज पुराने मामले में जमानत काटकर 5 मार्च को प्रयागराज की MP/MLA कोर्ट में हाजिर हुआ था, जहां से उसे नैनी जेल भेज दिया गया था, लेकिन उसने नैनी जेल में अपनी जान को खतरा बताया। इसके बाद उसे 11 मार्च फतेहगढ़ जेल ट्रांसफर कर दिया गया था। जहां तीन हफ्ते रहने के बाद उसे जमानत मिली। इसके बाद वह गुपचुप तरीके से अपने समर्थकों के साथ निकल गया। तब से पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है।
वारंट B के जरिए लखनऊ जाएगा माफिया सुनील राठी
प्रभारी निरीक्षक चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक, अजीत सिंह हत्याकांड में पूर्व सांसद धनंजय सिंह सहित 6 आरोपियों की तलाश की जा रही है। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश का माफिया सुनील राठी बागपत जेल में बंद है। जल्द ही उसे वारंट बी के जरिए लखनऊ लाया जाएगा। वहीं पूर्व सांसद धनंजय सिंह, उनके करीबी विपुल सिंह, रवि यादव, प्रदीप सिंह कबूतरा, कुणाल फरार हैं। पुलिस इनकी तलाश में लगी है, पुलिस इन सभी आरोपियों को भगोड़ा घोषित करने के लिए कोर्ट में सोमवार को अर्जी डाली गई है।
मुठभेड़ में मारे गए गिरधारी ने दिया था बयान
अजीत सिंह हत्याकांड में उसके साथ मौजूद मोहर सिंह ने FIR कराई थी कि आजमगढ़ जेल में बंद कुंटू सिंह और अखण्ड सिंह ने गिरधारी के जरिए हत्या करवाई है। गिरधारी ने पांच शूटरों के साथ अजीत की हत्या की थी। गिरधारी को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया था। इसके बाद ही पुलिस ने सांसद धनंजय सिंह को गिरधारी के बयान के आधार पर हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोपी बनाया था। इसके साथ ही धनंजय पर एक घायल शूटर राजेश तोमर का लखनऊ और सुल्तानपुर में इलाज कराने में मदद करने का भी आरोप है।
पत्नी के चुनाव में कदम-कदम पर साथ रहे धनंजय
बताया जा रहा है कि एक तरफ पुलिस धनंजय सिंह को तलाश करने का दावा कर रही है, दूसरी ओर वह लखनऊ से लेकर अपने गृह क्षेत्र जौनपुर तक राजनीतिक गतिविधियों में शिरकत कर रहे। हालही में पत्नी श्रीकला के जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में वह कदम-कदम पर साथ रहे। धनंजय के प्रभाव से पत्नी चुनाव भी जीत गई। मगर वह पुलिस की नजर से ओझल ही रहे। इस दौरान अपना दल का समर्थन प्राप्त था।
यह है पूरा मामला?
बीते 5 जनवरी 2021 को राजधानी के विभूति खंड थाना क्षेत्र के पॉश इलाके कठौता चौराहे पर मऊ जिले के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस दौरान अजीत का साथी मोहर सिंह व एक फूड डिलीवरी कंपनी का कर्मचारी घायल हुआ था। इस प्रकरण में आजमगढ़ के बाहुबली कुंटू सिंह, अखंड सिंह के अलावा गिरधारी के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की गई थी। पुलिस ने इस शूटआउट में तीन मददगारों को दबोचा था। जबकि शूटर संदीप सिंह को भी पकड़ा जा चुका है। पुलिस की जांच में सामने आया था कि रंगदारी और वर्चस्व को लेकर धनंजय सिंह ने ही हत्या करवाई है। पुलिस ने इस मामले में मुख्य शूटर गिरधारी उर्फ कन्हैया को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। वहीं ध्रुव सिंह, अखंड सिंह, संदीप सिंह बाबा, मुस्तफा उर्फ बंटी, राजेश तोमर, शिवेंद्र उर्फ अंकुर अपराधियों की मदद करने वाले बंधन सिंह, प्रिंस सिंह और रेहान को गिरफ्तार किया गया। पुलिस धनंजय को तलाश करने का दावा कर रही थी। मगर वह हाथ नहीं आए। लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने इनपर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था।
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