इलाज मिला न जांच, बेमौत मर रहे लोग:लखनऊ के जबरौली गांव में 33 दिन में 26 की मौत; लोग बोले- बुखार आया, दम घुटा और बंद हो गई आंखें, 15 की सेहत नाजुक

लखनऊ2 वर्ष पहले
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गांव में 300 परिवार रहते हैं। लेकिन लोगों को इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है। - Dainik Bhaskar
गांव में 300 परिवार रहते हैं। लेकिन लोगों को इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है।

उत्तर प्रदेश में महामारी अब गांवों में लोगों को जकड़ रही है। लखनऊ के मोहनलालगंज जबरौली गांव में बीते 33 दिन (7 अप्रैल से 10 मई के बीच) में 26 मौतें हुई हैं। हालांकि यदि पीछे जाएं तो इस गांव में मौत का सिलसिला होली के बाद शुरु हुआ है। 29 मार्च से अब तक कुल 40 मौतें हो चुकी हैं। यहां किसी ने अपना बेटा खोया तो किसी का पति साथ छोड़कर चला गया। हर घर में मातम है। खास बात यह है कि जांच भी नहीं हो पा रही है। इसके चलते मौत के कारणों की पुष्टि भी नहीं हो पा रही है।

अभी तक कोई मदद भी नहीं मिली है। अब गांव के लोग खुद पंचायत कर अपने स्तर पर इस बीमारी से लड़ने की प्लानिंग कर रहे हैं। मरने वालों में सबसे ज्यादा संख्या गरीब और दलित संवर्ग से आने वाले परिवार हैं।

गांव के प्रधान प्रतिनिधि विवेक अवस्थी बताते हैं कि यहां करीब 300 परिवार रहते हैं। लेकिन अस्पताल और बेड की सुविधा नहीं मिल रही है। बुखार आने के बाद अचानक लोगों की सांस फूलने लग रही है। उन्होंने बताया कि इसको लेकर हर जगह हम लोग गुहार भी लगा चुके हैं लेकिन कोई खास मदद नहीं मिल पाई है।

15 लोगों की स्थिति गंभीर, कभी भी जा सकती है जान
अवस्थी ने बताया कि होली के बाद से अब तक 40 से ज्यादा मौत हो चुकी है। लेकिन अप्रैल से स्थिति ज्यादा खराब हुई थी। उन्होंने बताया कि अभी भी 15 से ज्यादा लोग काफी गंभीर हालत में है। यहां कोरोना की जांच भी नहीं हो पाई है। ऐसे में स्पष्ट भी नहीं हो रहा कि दिक्कत क्या है लेकिन लक्षण सभी कोरोना वाले ही रहते है। गांव के हर घर में लोग बुखार और अन्य बीमारियों से पीड़ित है।

गांव वालों ने अब बीमारी से लड़ने के लिए खुद प्लान बनाया है।
गांव वालों ने अब बीमारी से लड़ने के लिए खुद प्लान बनाया है।

मरने वालों के या उनके परिवार के लोगों के नाम
सालिक राम की पत्नी, लालाराम यादव, ईश्वर दीन रावत, ईश्वर दीन की माता, श्याम लाल रावत, वर्षा तिवारी , राम भरोसे की मां, मुन्नी लाल पत्नी, लुल्ली दर्जी, मुन्ना दर्जी, दोस्त मोहम्मद, गंगाधर की मां, राम प्रसाद की मां, राम प्रसाद प्रजापति, रामअवतार रावत, चन्द्रिका रावत, मान्था देवी, नन्कू सेठ, रमनीश के पिता, शंकर गौड़ की पत्नी, रोजगार गौड़ की पत्नी, सुरेश साहू की माता, नसीर की माता, लाल बहादूर सिंह, अशोक वर्मा। भास्कर टीम को यह सूची प्रधान रेनू अवस्थी की तरफ से दी गई है। इसमें कई लोग के नाम नहीं पता था कि उनके परिवार के मुखिया का नाम दिया गया है।

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