थाईलैंड से राजधानी लखनऊ में कॉल गर्ल बुलाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आईपी सिंह ने आरोप लगाया है कि कॉल गर्ल को बुलाने वाला कोई और नहीं बल्कि BJP सांसद संजय सेठ का बेटा है।
सोशल मीडिया पर आईपी सिंह ने संजय सेठ की फोटो पोस्ट करते हुए लिखा कि पुलिस ने भी इस मामले को दबा दिया। सिंह ने लिखा, 'जब पूरे देश मे लोग दवा और रोटी के लिए मर रहे हैं तब BJP सांसद के बेटे विदेशी कॉल गर्ल बुलाने पर लाखों रुपये लुटा रहे हैं।' उधर, सांसद संजय सेठ ने ये सारे आरोप फर्जी बताया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मामले में पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की है। इसकी सच्चाई बाहर आनी चाहिए। वहीं दूसरी ओर, रिटायर्ड IPS अमिताभ ठाकुर ने इस मामले में FIR दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने पुलिस कमिश्नर को इसके लिए पत्र भी लिखा है।
जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करने पर सवाल खड़े हुए
थाईलैंड से आई कॉल गर्ल 28 अप्रैल को संक्रमित मिली थी। इसके बाद किसी ने थाईलैंड एंबेसी से संपर्क करके उसे लोहिया अस्पताल में भर्ती करा दिया था, जहां 3 मई को उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने लड़की के परिजनों से संपर्क करने के बाद शनिवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया। अब इस पर भी सवाल खड़े हो रहे कि पुलिस ने इस मामले को दबाने के लिए लड़की का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कर दिया।
अंतिम संस्कार करवाने वाले विभूतिखंड इंस्पेक्टर चंद्रशेखर का कहना है कि युवती की मौत लोहिया अस्पताल में हुई जो उनके कार्यक्षेत्र में आता है। इसलिए उन्हें उसका अंतिम संस्कार करवाना पड़ा। इस मामले में उन्हें और किसी तरह की जानकारी नही है।
7 लाख रुपए खर्च करके बुलाया था
कॉल गर्ल को बुलाने पर 7 लाख रुपए खर्च किए गए थे। शुरूआती जांच में पता चला था कि कॉल गर्ल राजस्थान के रहने वाले एक ट्रैवेल एजेंट के संपर्क में थी। उसी ने इसे लखनऊ भेजा था।
पूर्व DGP ने कहा- पुलिस को ठीक से जांच करनी चाहिए
कॉल गर्ल की मौत के मामले में यूपी के पूर्व DGP एके जैन का कहना है कि अभी इस मामले में यह साफ नहीं हो पाया है कि ये लड़की देह व्यापार के लिए ही आई थी। फिर भी अगर सवाल खड़े हो रहे हैं तो पुलिस को बिना छानबीन किए शव का अंतिम संस्कार नहीं करना चाहिए था।
लड़की जिस होटल में ठहरी थी उसके मैनेजमेंट को भी इसकी जानकारी लोकल पुलिस और इंटेलिजेंस यूनिट को देनी चाहिए थी। LIU को उसका पूरा वेरिफिकेशन करना चाहिए था। अगर ये सब नहीं हुआ है तो ये बड़ी चूक है। ऐसी चूक पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
सरकार और प्रशासन की लापरवाही
इलाहाबाद हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट वीके सिंह ने भी जल्दबाजी में शव के अंतिम संस्कार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि देश जब तक उस पर ये आरोप साबित नहीं होता कि वह कॉल गर्ल थी, तब तक हम उसे देश के गेस्ट के रूप में ही देखेंगे। इसलिए उसके शव को कोविड प्रोटोकॉल का साथ उसके देश पहुंचाया जाना चाहिए था। इसके अलावा फॉरेनर विजिटर को मिलने वाली बीमे की राशि दी जानी चाहिए। इस मामले में सरकार और प्रशासन की लापरवाही साफ दिख रही है।
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