CBI जांच से उजागर हुआ था मुलायम का राज:कोर्ट में मानी थी दूसरी पत्नी की बात

8 महीने पहलेलेखक: रक्षा सिंह
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समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को 82 साल की उम्र में निधन हो गया। कम ही लोग जानते हैं कि उनकी निजी जिंदगी से जुड़ा एक वाकया ऐसा भी है, जब न सिर्फ मुलायम बैकफुट पर आए बल्कि उन्होंने कोर्ट में हलफनामा देकर अपनी दो पत्नियां होने की बात भी स्वीकार की।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के वकील विश्वनाथ चतुर्वेदी ने मुलायम के खिलाफ 2 जुलाई 2005 को हलफनामा दाखिल कर पूछा कि 1979 में 79 हजार रुपए की संपत्ति वाला समाजवादी करोड़ों का मालिक कैसे बन गया? इस पर सुप्रीम कोर्ट ने CBI से मुलायम की संपत्ति की जांच करने को कहा।

कोर्ट के आदेश पर जांच एजेंसी ने अगले दो साल यानी 2007 तक मुलायम सिंह की संपत्ति से जुड़े पुराने पन्ने खंगाले। उस रिपोर्ट के बाद ही खुलासा हुआ कि मुलायम की दूसरी पत्नी का नाम साधना गुप्ता है।

मुलायम सिंह यादव ने कोर्ट में हलफनामा देकर यह बात मानी थी कि साधना गुप्ता उनकी दूसरी पत्नी हैं और प्रतीक यादव उनके बेटे हैं।
मुलायम सिंह यादव ने कोर्ट में हलफनामा देकर यह बात मानी थी कि साधना गुप्ता उनकी दूसरी पत्नी हैं और प्रतीक यादव उनके बेटे हैं।

खबर में आगे बढ़ने से पहले जान लीजिए कि CBI की जिस जांच के आधार पर मुलायम सिंह ने अपनी दूसरी पत्नी होने की बात मानी थी, उसमें लिखा क्या था...

  • 1994 से पहले भी मुलायम की एक और पत्नी और बच्चा हैं।
  • 1994 में प्रतीक गुप्ता ने स्कूल के फॉर्म में अपने परमानेंट रेसिडेंस में मुलायम सिंह का ऑफिशियल एड्रेस लिखा था।
  • मां का नाम साधना गुप्ता और पिता का एमएस यादव लिखा था।
  • 2000 में प्रतीक के गार्जियन के तौर पर मुलायम का नाम दर्ज हुआ था।
  • 23 मई 2003 को मुलायम ने साधना को अपनी पत्नी का दर्जा दिया था।

ये कहानी शुरू होती है 40 साल पहले, यानी 1982 से...
मुलायम और साधना की लव-स्टोरी 40 साल पहले सैफई के एक अस्पताल से शुरू हुई थी। हालांकि, ठीक तरीके से साधना मुलायम की जिंदगी में आईं 1988 में और 1989 में मुलायम UP के CM बन गए। तब से वे साधना को लकी मानने लगे। पूरे पर‌िवार को यह बात पता थी। कहता कोई नहीं था। अब जब सब कुछ सामने आ ही रहा था तब 2007 में मुलायम ने अपने खिलाफ चल रहे आय से अधिक संपत्ति वाले केस में सुप्रीम कोर्ट में एक शपथपत्र दिया। आइए, आपको मुलायम और साधना की पूरी लव-स्टोरी बताते हैं।

मुलायम के शुरुआती दिनों की ये तस्वीर 1991 में समाजवादी पार्टी की स्‍थापना के वक्त की बताई जाती है।
मुलायम के शुरुआती दिनों की ये तस्वीर 1991 में समाजवादी पार्टी की स्‍थापना के वक्त की बताई जाती है।

देश में कांग्रेस टूट रही थी। UP में पिछड़ा वर्ग, खासकर यादवों का दबदबा बढ़ रहा था। मुलायम सिंह यादव तब सबसे ज्यादा चर्चा में थे। तब समाजवादी पार्टी नहीं थी। राष्ट्रीय लोकदल था। उसी समय ओरैया जिले के बिधूना के रहने वाले कमलापति की 23 साल की बेटी साधना गुप्ता नर्सिंग की ट्रेनिंग कर रही थीं। वे राजनीति में कुछ करना चाहती थीं। वे राजनीतिक कार्यक्रमों में आती थीं।

उसी दरम्यान मुलायम की साधना से मुलाकात हुई। तब क्या हुआ और क्या नहीं, सिर्फ एक ही शख्स जानता था। उनका नाम था- अमर सिंह। अब वे नहीं रहे।

मुलायम की इस कहानी के कुछ पन्ने सुनीता एरोन ने खोले थे…
एक जर्नलिस्ट और राइटर हैं, सुनीता एरोन। इन्होंने अखिलेश यादव की बायोग्राफी 'बदलाव की लहर' लिखी थी। इसमें कुछ पन्ने उन्होंने मुलायम की लव स्टोरी पर खर्च किए थे।

सुनीता एरोन के मुताबिक, "शुरुआत में साधना और मुलायम की आम मुलाकातें हुईं। मुलायम की मां की वजह से दोनों करीब आए। मुलायम की मां मूर्ती देवी बीमार रहती थीं। साधना ने लखनऊ के एक नर्सिंग होम और बाद में सैफई मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मूर्ति देवी की देखभाल की।"गलत इंजेक्‍शन लगाने से रोकने पर इम्प्रेस हुए मुलायम
सुनीता एरोन लिखती हैं, "मेडिकल कॉलेज में एक नर्स मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी। उस समय साधना वहां मौजूद थीं और उन्होंने नर्स को ऐसा करने से रोक दिया। साधना की वजह से ही मूर्ति देवी की जिंदगी बची थी।"

मुलायम इसी बात से इम्प्रेस हुए और दोनों की रिलेशनशिप शुरू हो गई। तब अखिलेश यादव स्कूल में स्टूडेंट थे। दरअसल, साधना खुद नर्स रही हैं। उन्होंने शुरुआती दिनों में कुछ दिनों तक नर्सिंग होम में काम भी किया है। इसलिए उन्हें इंजेक्‍शन का आइडिया था।

6 साल तक अमर सिंह ने मुलायम की लव-स्टोरी छिपाए रखी
साल 1982 से 1988 तक अमर सिंह इकलौते ऐसे शख्स थे जो जानते थे कि मुलायम को प्यार हो गया है। उन्होंने किसी से कहा नहीं, क्योंकि मुलायम के घर में उनकी पहली पत्नी मालती देवी और बेटे अखिलेश मौजूद थे।

साल 1988, तीन चीजें एक साथ हुईं

  • मुलायम मुख्यमंत्री बनने की एकदम चौखट पर आ खड़े हुए
  • साधना अपने पति चंद्र प्रकाश गुप्ता से अलग रहने लगीं। उनकी गोद में एक बच्चा था
  • मुलायम ने अखिलेश को साधना से मिला दिया
इस तस्वीर को लेकर कई वेबसाइट दावा करती हैं कि तस्वीर एक आंदोलन की है। आंदोलन का नाम था, चलो गांव की ओर। इसमें मुलायम सिंह यादव और उनकी पहली पत्नी यानी अखिलेश की मां मालती देवी हैं।
इस तस्वीर को लेकर कई वेबसाइट दावा करती हैं कि तस्वीर एक आंदोलन की है। आंदोलन का नाम था, चलो गांव की ओर। इसमें मुलायम सिंह यादव और उनकी पहली पत्नी यानी अखिलेश की मां मालती देवी हैं।

सरकारी बंगला छोड़ने के बाद साधना के साथ रहने लगे थे मुलायम
साल 2019 के पहले मुलायम 23 साल तक लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग के सरकारी बंगले में रहे थे, लेकिन 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्हें बंगला छोड़ना पड़ा। तब वे साधना के साथ C-3/13 अंसल गोल्फ सिटी में शिफ्ट हो गए थे। तब से वे अखिलेश यादव के परिवार की बजाय साधना के साथ ही रहते थे।

तस्वीर में साधना, काली टी-शर्ट में प्रतीक यादव और उनके साथ अपर्णा यादव हैं। साल 2003 में मुलायम ने साधना को अपनी पत्नी और प्रतीक को अपना बेटा मान लिया।
तस्वीर में साधना, काली टी-शर्ट में प्रतीक यादव और उनके साथ अपर्णा यादव हैं। साल 2003 में मुलायम ने साधना को अपनी पत्नी और प्रतीक को अपना बेटा मान लिया।

साधना के जाने के बाद 92 दिन ही जिए मुलायम
5 जुलाई 2022 को साधना को गुरुग्राम के मेदांता में भर्ती कराया गया। फेफड़े में संक्रमण था और 9 जुलाई 2022 को साधना का निधन हो गया। उसके बाद से मुलायम की भी तबीयत और ज्यादा खराब रहने लगी। करीब 45 दिन से मुलायम उसी अस्पताल में भर्ती थे जहां साधना का निधन हुआ। 10 अक्टूबर को 8 बजकर 15 मिनट पर मुलायम का भी निधन हो गया।

आज सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया।
आज सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया।