उत्तर प्रदेश में जातिवाद का सर्वे कराकर कानूनी पेंच में फंसे आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद व यूपी प्रभारी संजय सिंह का हजरतगंज कोतवाली में दर्ज होने वाला बयान टल गया है। संजय सिंह ने नोटिस मिलने के बाद राज्यसभा में यूपी सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे और विरोध दर्ज करवाते हुए सभापति से लिखित शिकायत भी की थी। इसके 24 घंटे के बाद लखनऊ पुलिस की तरफ से शनिवार को ई-मेल भेजकर संजय सिंह को रविवार को आने से मना किया गया है।
ई-मेल में लिखा गया कि वर्तमान में संसद सत्र चल रहा है। सत्र के दो दिन बाद अपना बयान/पक्ष रखने के लिए उपस्थित हो सकते हैं। लखनऊ पुलिस ने बीते गुरुवार को भेजी गई नोटिस में 20 सितंबर को 11:00 बजे देशद्रोह समेत कई धाराओं में दर्ज मामले में बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया था। वहीं, एक माह के अंदर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में संजय सिंह के ऊपर 13 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।
मानसून सत्र में उपराष्ट्रपति से की थी शिकायत
संजय सिंह ने मानसून सत्र में इस प्रकरण की शिकायत सभापति, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से की थी। शनिवार की आप पार्टी के तीन सांसद ने तख्ती लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया था। इसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट करके दी थी। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की शिकायत संजय सिंह ने उपराष्ट्रपति से की थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश में कोरोना किट की खरीद में घोटाले का ब्यौरा सभापति को दिया है। संजय सिंह सभापति के पास उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण हत्याओं का ब्योरा लेकर गए थे।
संजय सिंह ने खुद सर्वे की जिम्मेदारी ली थी
पुलिस की विवेचना में यह पता चला कि यह सर्वे 744717843 नंबर से कॉल कर किया जा रहा था, जो यूपी प्रभारी संजय सिंह के कहने पर हो रहा था। पुलिस ने इस मामले में सर्वे कराने में प्रयोग किये गए के नंबर की लोकेशन सर्वे की पूरी डिटेल एकत्रित कर ली है। इसके बाद आप सांसद संजय सिंह को धारा 41ए की नोटिस दिल्ली सरकारी आवास पर भेजकर 20 सितंबर को बयान के लिए बुलाया गया है। बता दें कि एफआईआर दर्ज होने के बाद खुद संजय सिंह सामने आए थे। उन्होंने सर्वे की जिम्मेदारी भी ली थी। कहा था कि, आप (सीएम योगी) मुकदमे कराते रहिए मैं अपना काम करता रहूंगा।
24 सेकेंड की कॉल में पूछे गए थे सियासी सवाल
24 सेकेंड के फोन कॉल में लोगों को बताया कि हम उत्तर प्रदेश की वर्तमान राजनीति पर एक सर्वे कर रहे हैं। सर्वे में दिया गया जवाब गोपनीय रखा जाएगा। उत्तर प्रदेश के कई लोग अब कहने लगे हैं कि जैसे अखिलेश यादव ने यादव समाज के लिए काम किया, मायावती ने जादव समाज के लिए काम किया वैसे ही योगी आदित्यनाथ सिर्फ ठाकुरों के लिए काम कर रहे हैं। यदि सहमत हैं तो एक दबाइए और नहीं है तो दो दबाइए।
संजय सिंह ने जारी किया था सर्वे का परिणाम
सर्वे खत्म होने व सियासी तूल पकड़ने के बाद संजय सिंह ने प्रेसवार्ता कर सर्वे का आंकड़ा सार्वजनिक किया था। कहा था कि, दो दिन के भीतर लाखों लोगों को कॉल हुए। जिसमें से 63% लोगों ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ठाकुरों के लिए काम कर रही है। एक जाति की सरकार चल रही हैं। 9% लोगों ने जवाब देने से मना कर दिया और 28% लोगों ने कहा कि योगी सरकार ठाकुरों के लिए काम नहीं कर रही है।
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