1984 में एक फिल्म रिलीज हुई- शराबी। इसमें अमिताभ बार-बार कहते- मूंछें हो तो नत्थूलाल जी जैसी, वरना न हों। दुनिया का पता नहीं, पर UP में इस फिल्म के बाद आज तक कोई मूंछों वाला CM नहीं बना। न ही अगली बार किसी मूंछ वाले की उम्मीद है। है तो ये एक इत्तेफाक, लेकिन क्या गजब इत्तेफाक है। आइए आपको UP के मूछों और बिना मूंछों वाले CM की एक झलक दिखाते हैं...
उत्तर प्रदेश के पहले CM की घनी मूंछें थीं
UP के पहले CM गोविंद बल्लभ पंत के बारे में एक किस्सा मशहूर था। नेताजी की तो मूंछें तक बोलती हैं। असल में वो चेहरे पर घनी मूंछें रखते थे। ये साल 1946 से लेकर 1954 तक UP के CM रहे।
दूसरे CM संपूर्णानंद भी जवानी से बुढ़ापे तक मूंछें रखते रहे
साल 1954 से लेकर 1960 तक उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने वाले की दो खूबियां थीं। पहली कि वो शब्दों के जादूगर थे। दूसरी कि उनके चेहरे पर मोटे फ्रेम का चश्मा और हल्की मूंछें बहुत जमती थीं, लेकिन ये बात बुढ़ापे की है। जब वो जवान थे, तब घनी काली मूंछें रखते थे।
चौधरी चरण सिंह रखते थे महीन मूंछें
चरण सिंह 1967 से 68 और 1970 में UP के CM रहे। नाम चौधरी से शुरू जरूर होता था पर मूंछें हल्की रखते थे। आज भी कई राजनीतिक पंडित मानते हैं कि राजनीति में हल्की मूंछें रखने का फैशन इन्होंने ही शुरू किया था। बाद में कई लोगों ने इन्हें कॉपी किया।
गांधी टोपी के साथ काली मूंछें हेमवती नंदन बहुगुणा पर खूब जमती थीं
1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में हेमवती के काम ने उन्हें ऐसी लोकप्रियता दिलाई कि अंग्रेजों ने उन्हें जिंदा या मुर्दा पकड़ने पर 5 हजार का इनाम रखा था। तब अंग्रेज उनकी पहचान उनकी गांधी टोपी और मुच्छड़ के तौर पर करते थे। ये 8 नवंबर 1973 से 29 नवंबर 1975 तक UP के CM रहे।
राम नरेश यादव मूंछें काटते थे एकदम बारीक, पर हटाते नहीं थे
1970 के दशक में रामनरेश यादव किसानों के नेता के तौर पर उभरे थे। तब वो मुलायम से बड़े नेता माने जाते थे। 1977 में चौधरी चरण सिंह ने लगातार 3 बार विधायक रहे मुलायम सिंह यादव को नजरअंदाज कर रामनरेश को मुख्यमंत्री बनाया था। ये आखिरी समय तक मूंछें रखते रहे। हालांकि मूंछों को काट देते थे, लेकिन एकदम नहीं हटाते थे।
बेहद स्टाइलिश मूंछें रखते थे वीपी सिंह
UP के CM से PM तक का सफर तय करने वाली विश्वनाथ प्रताप सिंह के मूंछों के कई दौर रहे हैं। पहले वो बेहद शानदार और स्टाइलिश तरीके से मूंछें रखते थे। कहते हैं कि उन्होंने कुछ विदेशी नेताओं को देखकर वो स्टाइल चुनी थी, लेकिन बाद में वो मूंछें हटाने लगे थे। वो 9 जून 1980 से 18 जुलाई 1982 तक UP के CM रहे।
श्रीपति मिश्रा, UP के आखिरी मूंछों वाले CM
19 जुलाई 1982 से 2 अगस्त 1984 श्रीपति मिश्रा UP के CM रहे। वो मूंछों वाली विरासत के आखिरी UP CM थे। वो बहुत हल्की नीचे की ओर मूंछों की महीन पट्टी रखते थे। मुश्किल से उसकी चौड़ाई 10 से 15 मिली मीटर होती थी।
18 मई 1984 को एक फिल्म रिलीज हुई। प्रकाश मेहरा ने जाने क्या सोचकर अमिताभ बच्चन को एक डायलॉग दिया। वो एक घनी मूंछों वाले किरदार को देखकर बड़े प्रभावशाली अंदाज में कहते कि मूंछें हो तो नत्थूलाल जैसे, वरना न हों। फिल्म का आना कि UP के मुख्यमंत्रियों के चेहरे से मूंछें चले जाना।
शराबी रिलीज होने के बाद पहले CM वीर बहादुर सिंह बिना मूंछों के
24 सितंबर 1985 से 24 जून 1988 तक वीर बहादुर सिंह UP के CM रहे। वो बिल्कुल भी मूंछें नहीं रखते थे। उनसे पहले भी बनारसी दास, त्रिभुवन नारायण सिंह और चंद्र भानु गुप्ता जैसे बिना मूंछों के CM रहे, लेकिन ऐसा कोई दौर शुरू नहीं हुआ कि पूरे-पूरे 37 साल तक किसी प्रदेश के CM ने मूंछें ही न रखी हों। ये दौर शुरू हुआ वीर बहादुर सिंह से।
एनडी तिवारी के सामने बॉलीवुड के हीरो फेल थे, मूंछें कहां से होतीं
एनडी पहले भी CM रहे थे, लेकिन 25 जून 1988 से 5 दिसंबर 1989 के बीच उन्होंने उस लिस्ट को आगे बढ़ाया जब UP के CM के चेहरे से मूंछ गायब होने लगी थी। अगर इसी बात को ऐसे कहें कि तिवारी ने मूंछों को ऐसा साफ किया है कि फिर कोई CM मूंछें उगा ही नहीं पाया, तो भी कुछ ज्यादा गलत नहीं होगा।
यंग मुलायम सिंह यादव मूंछें रखते थे, लेकिन बुढ़ापा आते-आते वो हटाने लगे थे
मुलायम सिंह यादव की जवानी की फोटो देखेंगे तो पाएंगे कि वो बहुत शानदार तरीके से काली मूंछें रखते थे, लेकिन जैसे-जैसे उनकी मूंछें सफेद होती गईं वो मूंछें कम करते गए। उनकी ढेर सारी तस्वीरें देखने से पता चलता है कि उन्हें बुढ़ापे तक मूंछें पसंद थीं। बाद के दिनों में वो एकदम क्लीन शेव रहने लगे थे। 1989-2007 के बीच ये तीन बार CM रहे थे।
कल्याण सिंह कभी बहुत महीन मूंछें रखते तो कभी क्लीन शेव
कल्याण सिंह की कई सारी तस्वीरें खंगालने पर लगता है कि वो कभी-कभी बहुत बारीक मूंछें रख लेते थे, लेकिन ज्यादातर वक्त मूंछें साफ ही करा देते थे। अपने जमाने के बड़े धाकड़ नेता थे। ये वो पहले नेता हैं, जिन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से पंगा ले लिया था। उन्होंने वाजपेयी तक को कह दिया कि पहले MP बन पाएंगे, तभी तो PM बनेंगे। 1991 से 1999 के बीच वो दो बार CM बने थे।
बिल्कुल मूंछें नहीं रखते थे राम प्रकाश गुप्ता
12 नवंबर 1999 से 28 अक्टूबर 2000 के बीच करीब एक साल के लिए राम प्रकाश गुप्ता CM बने थे। असल में ये काफी वक्त तक डिप्टी CM रहे थे। द टाइम्स ऑफ इंडिया के एक लेख में कहा गया कि वो CM बनने के बाद भी कई बार खुद को डिप्टी CM ही बता ही देते थे। इन्होंने अपने राजनीतिक काल में मूंछें कभी नहीं रखीं।
एकदम साफ-सुथरे नजर आते हैं राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह जितने ढंग से चुन-चुन के एक-एक शब्द बोलते हैं। अपने लुक पर भी वो उतना ही सचेत रहते हैं। उन्हें अक्सर एकदम साफ-सुथरे चेहरे के साथ देखा जाता है। UP में वो 28 अक्टूबर 2000 से 8 मार्च 2002 तक CM रहे। एक समय ऐसा भी था जब अटल-आडवाणी का युग पूरा हो रहा था और केंद्र में BJP के पास राजनाथ से बड़ा कोई नेता नहीं था, लेकिन बाद में मोदी के साथ काम करना स्वीकार कर लिया।
अलिखेश यादव और योगी आदित्यनाथ दोनों ही बिना मूंछों वाले CM
अखिलेश यादव विदेश से पढ़े लिखे हैं और आदित्यनाथ योगी हैं। दोनों के मूंछ-दाढ़ी न रखने के दो एकदम अलग वजहें हैं, लेकिन दोनों ने ही कभी भी मूंछ-दाढ़ी नहीं रखी। मतलब ऐसा भी नहीं होता कि ये कामकाज में कभी ये मूंछ साफ करना भूल जाते हों।
इस बार भी मूंछ वाले CM की उम्मीद नहीं
फिलहाल UP में जो CM चेहरे हैं, उनमें योगी आदित्यनाथ, अखिलेश यादव, मायावती और प्रियंका गांधी सबसे आगे हैं। ओमप्रकाश राजभर भी मूंछें नहीं रखते। जयंत कभी बियर्ड लुक में नजर आते हैं तो कभी एकदम क्लीन शेव, लेकिन अलग से मूंछ नहीं रखते हैं। ये बहुत साफ है कि UP को अगला CM बिना मूंछों का ही मिलेगा।
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