उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस के ज्यादा से ज्यादा संदिग्धों की समय पर जांच के लिए पूल टेस्टिंग को बढ़ावा देने पर निर्णय लिया गया है। प्लाज्मा थेरेपी पर काम होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को टीम इलेवन के साथ बैठक में कहा- पूल टेस्टिंग से प्रदेश में अधिक से अधिक व समय से रिजल्ट मिलने की संभावना और बेहतर होगी। लॉकडाउन की समीक्षा के दौरान सीएम ने कहा- जिन जिलों में कोरोना के केस ज्यादा हैं, वहां अतिरिक्त सतर्कता बरतें। जिले व प्रदेश की सीमाओं पर अनुमन्य वाहनों की ही प्रवेश मिले। कोरोना को शून्य करने के लिए हर संभव कदम उठाया जाए। रमजान माह में आवश्यक वस्तुओं की डोर स्टेप डिलीवरी होगी।
कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कहा- उत्तर प्रदेश के 53 जिलों में अब तक 1294 टेस्ट पॉजिटिव मिले हैं। इनमें 1134 एक्टिव केस हैं। 140 मरीज डिस्चार्ज हुए हैं। 53 में से 9 जिलों में अब एक्टिव केस नहीं है। पुलिस बल और डॉक्टर्स सहित चिकित्सा से जुड़े सभी कर्मियों को विशेष रूप से सतर्कता बरतनी होगी। जहां भी कोविड के रोगी रखे जाएं, वहां ऑक्सीजन की अनिवार्य व्यवस्था की जाए। प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा ने बताया कि, प्रत्येक वेंटिलेटर बेड और सामान्य बेड पर प्रोटोकॉल के अनुसार ऑक्सीजन की मात्रा को निर्धारित कर दिया गया है। आज उसी व्यवस्था की समीक्षा भी की जा रही है। एल-1, एल-2 व एल-3 अस्पतालों के लिए भी ऑक्सीजन की उपलब्धता की व्यवस्था की जा रही है।
कानपुर, सहारनपुर व मेरठ में टेस्टिंग की व्यवस्था में होगा इजाफा
अवस्थी ने कहा- रायबरेली में आज 33 नए केस सामने आए। इन सभी को क्वारैंटाइन किया गया था। जिनकी पूर्व में रिपोर्ट निगेटिव थी। लेकिन दोबारा जांच करने पर वे पॉजिटिव पाए गए हैं। ये क्वारैंटाइन में रखने की सावधानी का नतीजा है। हॉटस्पॉट क्षेत्र में सभी की टेस्टिंग हो रही है, लेकिन बाहर भी लोगों की टेस्टिंग कराई जाएगी। जिन क्षेत्रों में टेस्टिंग के लिए अधिक मामले हों, वहां पर पूल टेस्टिंग कराई जाएगी। कानपुर, सहारनपुर व मेरठ जैसे जनपद, जहां टेस्टिंग का लोड ज्यादा है, वहां के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी।
नॉन एप्रूव्ड अस्पतालों में इलाज न कराएं
अवनीश अवस्थी ने लोगों से अपील की है कि, कोई भी कोरोना मरीज किसी नॉन एप्रूव्ड अस्पताल में अपना इलाज न कराए। प्रदेश में अब तक एक करोड़ से अधिक लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप डाऊनलोड किया है। उन्होंने बताया कि, रमजान माह में आवश्यक वस्तु की डिलीवरी डोर स्टेप पर होगी।
7500 मजदूरों को काम दे रहा यूपीडा
बताया कि, लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार के निर्देश पर मिली सहूलियत के अनुसार, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर काम शुरू हो गया है। 4200 मजबूर काम कर रहे हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का काम 42 फीसदी पूरा हो चुका है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का भी काम 2,150 मजदूरो के साथ काम शुरू हो चुका है। यूपीडा के माध्यम से 7500 लेबर्स को काम दिया जा रहा है। लॉकडाउन का उलंघन करने, महामारी की छिपाने वालों को जेल भेजने के लिए प्रदेश में 23 से अधिक अस्थायी जेल बनाई गई हैं।
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