सपा नेता नफीस अंसारी भेजे गए जेल:सरकारी जमीन पर कब्जा करने का मामला, 1 सितंबर को जमानत याचिका पर होगी सुनवाई

पीलीभीत9 महीने पहले
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पीलीभीत के चर्चित कॉलोनाइजर और सपा नेता को राज्य सरकार की संपत्ति को धोखाधड़ी कर कॉलोनी में शामिल करने के आरोप में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने जमानत खारिज कर दिया है। अब नफीस अंसारी को जिला न्यायाधीश के न्यायालय में मामले की सुनवाई होने तक न्यायिक अभिरक्षा में रहना होगा।

लेखपाल मदन लाल ने 8 दिसंबर 2015 को शहर कोतवाली में तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि गाटा संख्या 758 रकबा 0.503 हेक्टेयर आबादी राज्य सरकार की संपत्ति है। जो इंतजाम नगर पालिका परिषद के अभिलेखों में दर्ज है। इस भूमि में 0.235 हेक्टेयर पर अहमद नबी ने कॉलोनी में शामिल करके खातेदार कारज सिंह, मान सिंह शेर सिंह व मनजीत सिंह अमरीक सिंह मोहम्मद उस्मान खान के सहयोग से धोखाधड़ी कर अवैध रूप से कब्जा जमा लिया है। इस भूमि के 208 वर्ग मीटर क्षेत्रफल पर गोपाल कुमार उर्फ गोपी, सतेंद्र कौर और रविंद्र सिंह ने 300 वर्ग मीटर क्षेत्रफल पर कब्जा जमा कर अन्य लोगों को बिक्री कर दिया है।

सरकारी जमीन पर बनाया ऑफिस का चबूतरा
लेखपाल द्वारा दी गई तहरीर में आरोप है कि सपा नेता नफीस अहमद अंसारी ने कॉलोनी में पक्की सड़क और ऑफिस के सामने चबूतरे का निर्माण इसी भूमि के भाग पर कराया है। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर पूरे मामले का आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया था। नफीस अहमद अंसारी ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दाखिल की इसके बाद उच्च न्यायालय ने सुनवाई कर दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत प्रार्थना पत्र की था खारिज
न्यायालय द्वारा जारी किया गया स्टे आर्डर खारिज हो जाने के बाद मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में नफीस अंसारी ने हाजिर होकर जमानत प्रस्तुत की। न्यायालय ने सुनवाई के बाद मामला जमानत योग्य ना पाते हुए जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।

नफीस अंसारी को न्यायिक अभिरक्षा में​​​​​​​ भेजा गया
सीजीएम न्यायालय से जमानत न मिलने के बाद सपा नेता नफीस अंसारी ने जिला न्यायाधीश की अदालत में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया। जिस पर सुनवाई के लिए 1 सितंबर की तारीख मुकर्रर की गई है। तब तक नफीस अंसारी को न्यायिक अभिरक्षा में रहना होगा।