अमेठी के बाद बेल्हा में चर्चा में आया सारस:कार ने मारी टक्कर, दो दिन से तड़पता रहा, एक साल से रह रहा था थाने में

प्रतापगढ़2 महीने पहले
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प्रेम और समर्पण का प्रतीक माना जाने वाला सारस पक्षी प्रतापगढ़ में दो दिन से तड़पता रहा। राज्य पक्षी का हाल जानने कोई नहीं पहुंचा। हालत खराब होने पर पशु चिकित्सक और वन विभाग की टीम को बुलाया गया।

इन दिनों अमेठी के मो. आरिफ और सारस से दोस्ती सुर्खियों में है। जामो ब्लॉक के मंडका गांव के आरिफ और राजकीय पक्षी सारस की दोस्ती करीब आठ महीने पहले हुई थी। दोनों की दोस्ती धीरे-धीरे इतनी पॉपुलर हो गई कि मोहम्मद आरिफ जहां भी जाते सारस पक्षी उनके पीछे-पीछे साये की तरह जाने लगा। अमेठी में ये दोस्ती करीब एक महीने पहले चर्चा में आई। इन दोनों की दोस्ती देश और प्रदेश में चर्चा का विषय बनी।

वहीं प्रतापगढ़ के फतनपुर थाने के पास शनिवार शाम करीब चार बजे सारस जौनपुर-रायबरेली हाईवे को पार कर रहा था। इस दौरान एक अज्ञात कार ने उससे टक्कर मार दी। जिससे उसके पंख और पैर में चोट आ गई। वह किसी तरह थाने आया। वह दर्द से तड़पता रहा। मंगलवार को उसकी हालत खराब होने पर पशु चिकित्सकों और वन विभाग की टीम को सूचना दी गई। वह भी नहीं आए। तो ब्लॉक की टीम व पुलिसकर्मियों ने सारस का प्राथमिक उपचार किया। गौर करने वाली बात यह है कि एक साल से राज्य पक्षी सारस थाने के परिसर रह रहा था। इसके बारे में पुलिस ने कभी भी कोई सूचना किसी को नहीं दी। वन विभाग को भी जानकारी नहीं हुई।

सारस थाना परिसर में टहलता

​​​​​​पुलिस को गश्त के दौरान सारस घायल अवस्था में मिला था। वह मौके उसे थाने ले आए थे। उसे लाकर इलाज कराया था। तब से सारस थाने के परिसर में ही रह रहा था। एक साल से रह रहे सारस के बारे में पूछे जाने पर थानाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि घायल सरस को लेकर आये थे। तब से यही है।

प्रभागीय निदेशक जेपी श्रीवास्तव ने अभी तक सारस पक्षी के बारे में जानकारी नहीं थी। रेंज अधिकारी रानीगंज को इसकी जानकारी देकर तत्काल वन विभाग की टीम को मौके पर भेज दिया गया।