प्रतापगढ़ के अतुल कुमार सिंह ने उत्तर प्रदेश पीसीएस परीक्षा में टॉप किया है। वहीं, उन्नाव की सौम्या मिश्रा ने सेकंड टॉपर रही हैं। आईआईटी खड़गपुर से बीटेक अतुल और दिल्ली स्कूल ऑफ इकाेनॉमिक्स से जियोग्राफी में गोल्ट मेडलिस्ट सौम्या मिश्रा की पढ़ाई की स्ट्रेटजी तकरीबन एक सी रही। दोनों ने आठ से दस घंटे रेगुलर पढ़ाई की। ऑप्शनल विषय के साथ जीके पर लगातार फोकस रखा। बड़ी बात यह है कि अतुल कुमार ने चार साल तक प्राइवेट जॉब की, वहीं 2020 के पीसीएस अटेम्प्ट में सौम्या मिश्रा प्रिलिम्स में ही फेल हो गई थीं।
आईए अब जानते हैं इन दोनों टॉपर की कहानी…
अतुल सिंह बताते हैं, “ मैं प्रतापगढ़ के गोसाईं पुरवा का रहने वाला हूं। मेरे पिता वीडीओ रहे हैं। मैंने आईआईटी खड़गपुर से बीटेक किया है। इसके बाद 4 साल तक प्राइवेट जॉब की। वर्ष 2017 में मेरा चयन आईएफएस में 2 नंबरों रह गया था। 2019 में मेरा ग्राम विकास अधिकारी के पद पर चयन हुआ था। उसी साल ACF में भी चयन हो गया। जिसकी मैं कोयंबटूर में ट्रेनिंग ले रहा हूं। अब डिप्टी कलेक्टर पद पर चयन हुआ है।”
अतुल कुमार ने दैनिक भास्कर से बातचीत में अपनी पढ़ाई से लेकर संघर्ष तक की बातचीत की
सवाल: यूपीपीसीएस में सफलता पाने के लिए कैसे प्रयास किया?
जवाब: पढ़ाई के शेड्यूल को निर्धारित किया। आठ से दस घंटे रेगुलर पढ़ाई की। जनरल नॉलेज पर लगातार फोकस रहा और मूल सब्जेक्ट के साथ वैकल्पिक पर भी मेहनत की।
सवाल: तैयारी के लिए आपके विषय क्या थे?
जवाब: मैंने मैथमैटिक्स और बॉयोटैक्नॉलाजी से तैयारी की। मैंने आईआईटी खड़गपुर से बॉयोटेक्नॉलॉजी से बीटेक किया है। इसीलिए मुझे इस विषय की तैयारी में कोई परेशानी नहीं हुई।
सवाल: बीटेक करने के बाद आपने पीसीएस की तैयारी की क्यों सोची?
जवाब: बीटेक कंपलीट करने के बाद मैंने चार साल तक प्राईवेट नौकरी की। इसके बाद मैंने प्रशासनिक सेवा में जाने का प्लान बनाया।
सवाल: आपने कोचिंग ली या सेल्फ स्टडी की?
जवाब: मेरा ऑप्शनल सब्जेक्ट मैथ था। इसके लिए मैंने कोई कोचिंग नहीं की। दो साल की तैयारियों के बाद 2019 में मेरा सेलेक्शन यूपीपीसीएस में हुआ था। इसके साथ ही मेरा सेलेक्शन एसीएफ (असिस्टेंट कंजर्वेटर फॉरेस्ट) में हो गया। मैंने वहीं ज्वाइन करने का फैसला लिया। अभी कोयंबटूर में एसीएफ की ट्रेनिंग कर रहा हूं।
सवाल: तैयारी के दौरान कभी कोई निराशा हुई हो?
जवाब: नहीं तैयारी के दौरान कभी कोई निराशा नहीं हुई। हां, साल 2017 में आईएफएस में मेरा दो नंबर से सेलेक्शन रह गया था। इससे कुछ परेशान हुआ था लेकिन फिर पूरी मेहनत से लग गया। अब डिप्टी कलेक्टर का पद मिला है।
सवाल: अपने परिवार के बारे में बताएं?
जवाब: मेरी शादी हो गई है। दो बच्चे हैं देव और वेद। हम ज्वाइंट फैमिली में रहते हैं। मेरी माता जी का निधन दो साल पहले हो गया था। परिवार प्रयागराज में रहता है।
सवाल: पीसीएस की तैयारी करने वाले स्टूडेंट के लिए क्या मैसेज देंगे?
जवाब: मैं यही कहना चाहूंगा कि फोकस क्लियर रखें। प्रिलिम्स की तैयारी ही मेंस को ध्यान में रखकर करनी चाहिए। ऑप्शनल सब्जेक्ट पर पूरा ध्यान लगाना चाहिए। अपने नोट खुद बनाएं साथ ही जितने ज्यादा से ज्यादा टेक्स्ट पेपर सॉल्व करें। प्रैक्टिस ही आपको सफल बनाएगी।
अब बात यूपीपीसीएस में सेकंड टॉपर सौम्या मिश्रा की...
उन्नाव की सौम्या मिश्रा ने यूपीपीएसस परीक्षा में प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया। सौम्या ने यह सफलता दूसरे अटेम्प्ट में प्राप्त की है। सौम्या पहले अटेम्प्ट में प्रारंभिक परीक्षा भी नहीं पास कर पाई थीं। सौम्या फिलहाल दिल्ली में हैं।
सौम्या बताती हैं, मेरी ज्यादातर पढ़ाई दिल्ली में ही पूरी हुई है। दिल्ली में राजकीय प्रतिभा विद्यालय यमुना बिहार में 12वीं तक पढ़ाई की। दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से जियोग्राफी से ग्रेजुएशन किया। दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में जियोग्राफी से एमए किया और उसमें गोल्ड मेडलिस्ट रही। इसके बाद मैंने प्रशासनिक सेवा की तैयारी शुरू की।”
असफल होने पर मनोबल टूटना नहीं चाहिए
सौम्या बताती हैं, “ वर्ष 2020 में पीसीएस की परीक्षा में मैं प्रिलिम्स भी पास नहीं कर पाई थी। थोड़ी सी निराश हुई लेकिन फिर दुगनी ऊर्जा के साथ तैयारी में लग गई और 2021 की परीक्षा में सेकंड रैंक हासिल की। आठ से दस घंटे की रेगुलर पढ़ाई की। ऑप्शनल और जीके पर लगातार फोकस बनाए रखा। मेरे अंदर एक भावना हमेशा रही कि मैं किसी से कम नहीं हूं। फेमिली टीचर और फ्रेंड का मुझे हमेशा सपोर्ट रहा। मैं सफलता का श्रेय पेरेंट्स और टीचर को देना चाहूंगी। उन्होंने मुझे बहुत प्रेरणा दी कि मैं कर सकती हूं, इस लाइन ने मेरा बहुत सपोर्ट किया।”
दिल्ली में सीनियर सेकंडरी स्कूल में प्रवक्ता हैं सौम्या के पिता
सौम्या पुरवा तहसील के अजयपुर निवासी राघवेंद्र मिश्रा की बेटी है। सौम्या के एक भाई और एक बहन है। माता रेणु मिश्रा हाउस वाइफ है। सौम्या के पिता राघवेंद्र मिश्रा गवर्मेंट ब्वॉज सीनियर सेकेंडरी स्कूल दिल्ली में प्रवक्ता है। पिता की नौकरी दिल्ली में होने के कारण पूरा परिवार दिल्ली में रहता है। हालांकि उन्नाव में परिवार के अन्य लोग रहते है और गांव आना जाना लगा रहता है।
बिना कोचिंग अमित ने यूपीपीसीएस में पाई नौवीं रैंक
लखीमपुर खीरी के अमित सिंह को यूपीपीसीएस परीक्षा में 9वीं रैंक मिली है। अमित लखीमपुर खीरी के कस्बा धौरहरा तहसील के ब्लॉक ईसानगर के निवासी हैं। उनके पिता रेलवे में लोको इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे। उन्होंने 2016 में वीआरएस ले लिया था। अब वह गांव में रहकर खेती बाड़ी का काम कर रहे हैं। अमित के बड़े भाई मोहित सिंह का केंद्रीय सचिवालय में जुलाई में सेलेक्शन हुआ है। चाचा उदयभान सिंह उर्फ खिलाड़ी सिंह क्षेत्रीय भाजपा नेता हैं। मां सुनीता सिंह गृहणी हैं।
अमित की प्रारंभिक शिक्षा गोरखपुर से हुई। इसके बाद वह लखीमपुर खीरी आ गए और 6 से 8 तक की पढ़ाई यहीं की। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई लखनऊ पब्लिक स्कूल में की। अमित ने ग्रेजुएशन आईआईएसईआर भोपाल से किया। पोस्ट ग्रेजुएशन करते समय भारत सरकार के खर्च पर इंग्लैंड, जर्मनी, इजरायल भी गए।
2018 में अमित सिंह ने UPSC की प्री और मेंस परीक्षा दी थी और वह इंटरव्यू तक पहुंचे थे। उन्होंने सेल्फ स्टडी पर ही ज्यादातर फोकस किया और घर पर ही रहकर पढ़ाई की। बिना कोचिंग के ही यूपीपीसीएस की परीक्षा पास की। लगातार 4-5 घंटे तक लखनऊ में रहकर पढ़ाई की।
अमित सिंह शुरुआत से ही पढ़ाई में बहुत अच्छे थे। उन्हें बचपन से ही अफसर बनने का शौक था। वह कहते हैं कि वह अफसर तो बन गए हैं लेकिन उनका अभी यह सफर पूरा नहीं हुआ है। वह आईएएस बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं।
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