सरकार के द्वारा शिक्षा का अधिकार कानून के तहत शिक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए भले ही स्कूल चलो अभियान चलाया जा रहा है पर इन नौनिहालों के अभिभावकों व नौनिहालों को शिक्षा के प्रति शिक्षक जागरूक नहीं कर पा रहे हैं।
कौंधियारा विकास खंड के अंतर्गत आने वाली एकौनी ग्राम सभा के बच का पूरा मजरे के रहने वाले यह नौनिहाल जहां शिक्षा से कोसों दूर हैं। वहीं परिषदीय विद्यालयों के अध्यापक भी इन नौनिहालों को शिक्षा के प्रति जागरूक नहीं कर पा रहे हैं। अगर देखा जाए तो सरकार के द्वारा भले ही सर्व शिक्षा अभियान के तहत जहां 6 से 14 वर्ष की उम्र के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने की बात कही जा रही है, वहीं बच्चों को प्रतिदिन स्कूल आने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से स्कूल चलो अभियान भी चलाया जा रहा है। जिससे बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों को भी जागरूक किया जा सके।
लेकिन परिषदीय विद्यालयों के अध्यापक केवल स्कूल चलो अभियान को औपचारिकता बस केवल फोटो खिंचवाने के लिए ही चला रहे हैं। अगर देखा जाए तो कौंधियारा बीआरसी के अंतर्गत संचालित होने वाले कई परिषदीय विद्यालयों के आसपास रहने वाले ही छोटे-छोटे नौनिहाल स्कूल जाने के बजाए मजदूरी करते व घूमते हुए देखे जा सकते हैं। परिषदीय विद्यालय के अध्यापक की नौनिहालों की तरफ तनिक भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिसके कारण यह नौनिहाल शिक्षा से कोसों दूर है। जिसका जीता जागता उदाहरण यह नौनिहाल है, जो स्कूल जाने के बजाए बाजारों में भीख मांगते हुए देखे जा रहे हैं।
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