प्रयागराज के सेंट्रल जेल नैनी में बंद पश्चिमी यूपी बागपत के रहने वाले शातिर अपराधी अनिल धनपत तक एंड्राइड फोन पहुंचाने की कोशिश की गई। 5 लीटर घी के डिब्बे में पॉलीथिन के अंदर एंड्रॉयड फोन चार्जर और सिम लेकर जा रहा युवक गेट नंबर 1 पर होने वाली जांच को पार कर गया था।
लेकिन गेट नंबर 2 पर उसकी चालाकी पकड़ी गई। बंदी रक्षकों ने पकड़ कर उसे वरिष्ठ जेल अधीक्षक तक पहुंचाया। जहां से उसे नैनी पुलिस के सुपुर्द की में दे दिया गया। जेल सुपरिटेंडेंट की तरफ से आरोपी के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई है।
रिश्तेदारों से मिलने के बहाने जा रहा था युवक
वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशि कांत सिंह ने बताया कि मुलाकात के दौरान एक लड़का फल और घी का डिब्बा लेकर नैनी जेल में आया था। वहीं नैनी कोतवाली के अरैल निवासी शिव प्रसाद तिवारी व हनुमान तिवारी के अलावा प्रशासनिक आधार पर दूसरी जेल से ट्रांसफर होकर आए शातिर अपराधी अनिल उर्फ धनपत पुत्र नरेंद्र राय निवासी ककड़ीपुर रामाला बागपत से मिलने के लिए पहुंचा था।
गेट नंबर 1 की तलाशी को पार कर गया था आरोपी
नैनी जेल में पर्ची बनवाने से लेकर गेट के बाहर और गेट नंबर 1 तक उसकी छानबीन की गई। आरोपी आराम से अंदर चला गया। गेट नंबर 2 पर जब उसकी तलाशी हो रही थी। तो बंदी रक्षकों को उसके घी के डिब्बे में कुछ गड़बड़ लगी। घी के डिब्बे का ढक्कन खोला गया। तो वह सील पैक था। क्योंकि गर्मी की वजह से ही पिघला हुआ था। इसलिए जब बंदी रक्षकों ने उसको हिलाया तो अंदर से कुछ आवाज आई। इसलिए सील खोल कर देखा गया। तो उसमें पॉलिथीन में एंड्रॉयड मोबाइल, चार्जर और सिम था। जिसके बाद वहां हड़कंप मच गया। तुरंत आरोपी लड़के को हिरासत में ले लिया गया।
अरैल के नैनी प्रयागराज का रहने वाला है आरोपी
नैनी पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई। तो अपना नाम राज मिश्रा पुत्र लाल चंद्र मिश्रा निवासी अरैल, नैनी, प्रयागराज बताया। उसे तत्काल नैनी पुलिस को बुलाकर उसको सुपुर्दगी में दे दिया गया। पुलिस ने उसके खिलाफ जेल सुपरीटेंडेंट शशिकांत सिंह की तहरीर पर जेल अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया है।
इंस्पेक्टर नैनी बृजेश सिंह का कहना है कि उसकी गिरफ्तारी दिखा दी गई है। पूछताछ मे उसने बताया कि किसी के कहने पर वह जेल में बंद अनिल उर्फ धनपत राय को एक अधिवक्ता के कहने पर मोबाइल फोन पहुंचाने आया था। जेल प्रशासन ने जब अनिल उर्फ धनपत राय के बारे में जानकारी जुटाई। तो चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी। क्योंकि धनपत राय के क्रिमिनल रिकॉर्ड चौंकाने वाले पाए गए। हैरानी की बात यह है कि गिरफ्तारी और बरामदगी के बावजूद नैनी पुलिस ने आरोपी की फोटो और बरामद मोबाइल की फोटो जारी करना उचित नहीं समझा।
कौन है अनिल उर्फ धनपत
बागपत जिले के रमाला थाना क्षेत्र के ककड़ीपुर गांव के शातिर अनिल धनपत पर 11 मुकदमा दर्ज हैं। सात साल पहले लूट का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद धनपत ने एक के बाद एक आपराधिक वारदात को अंजाम दिया। बिनौली थाने की हवालात में कुंबल कर वह फरार हो गया था। मुजफ्फरनगर की बुढ़ाना कोतवाली क्षेत्र में वर्ष 2020 में मुठभेड़ के बाद दबोचे गए। अनिल धनपत ने सात साल पहले रमाला थाना क्षेत्र में लूट की वारदात को अंजाम दिया था। गांव से वह अधिकतर बाहर ही रहा। बिनौली थाना क्षेत्र के सिरसली गांव के फायरमैन भूपेंद्र हत्याकांड में नामजद किया गया। पुलिस ने पकड़ा तो वह बिनौली थाने की हवालात में कुंबल कर फरार हो गया था। पुलिस ने बाद में उसे किसी तरह पकड़ा। धनपत पहले प्रमोद गांगनौली गैंग में शामिल रहा। लेकिन प्रमोद के मारे जाने के बाद उसने गैंग बदल लिया। इसके बाद वह ऊधम सिंह गैंग में शामिल हो गया। कई वारदातों को अंजाम दिया।
गैंग बनाने के मंसूबों पर फिर गया पानी
लखनऊ में रठौड़ा के लविश की हत्या के बाद पुलिस अनिल के पीछे पड़ी थी। पुलिस उसे ढूंढ ही रही थी कि वाजिदपुर गांव के वादी प्रशांत की मुजफ्फरनगर में हत्या कर दी गई। इसके बाद अनिल को नामजद किया गया था। प्रमोद गांगनौली के गैंग में शामिल रहा। अनिल धनपत अपना गैंग तैयार करने में जुटा था। पहले अपने गांव के फोनी के साथ मिलकर कोशिश की। लेकिन फोनी मुठभेड़ में मारा गया। कई अन्य युवक गैंग में मिलाए। इसके बाद लखनऊ में लविश की हत्या के बाद से गैंग बनाने के मंसूबों पर पानी फिर गया।
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