अमेजन प्राइम की कॉमर्शियल हेड अपर्णा पुरोहित को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने पुरोहित की अग्रिम जमानत अर्जी मंगलवार को मंजूर कर ली है। तांडव वेब सीरीज को लेकर लखनऊ में दर्ज एफआईआर के मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई।
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि अपर्णा पुरोहित के पास वेब सीरीज तांडव के अधिकार हैं। इस सीरीज में अभिनेताओं ने भगवान को अपमानजनक तरीके से चित्रित किया है। उनके बारे में आपत्तिजनक बातें कहीं और दिखाई गईं हैं। इससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं।
50 हजार निजी मुचलके पर दी जमानत
आवेदक के वकील ने कहा कि पुरोहित का लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का कोई इरादा नहीं था। उसका कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है। अपर्णा के न्याय से कहीं भागने की भी संभावना नहीं है। लिहाजा वह जमानत पाने की हकदार हैं।
दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस कृष्ण पहल की खंडपीठ ने आरोपी को 50,000 रुपए के निजी मुचलके और दो जमानतदारों पर अग्रिम जमानत मंजूर कर ली। कोर्ट ने इसी के साथ पुरोहित को जांच में सहयोग करने और अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने का भी निर्देश दिया।
अभिव्यक्ति के नाम पर हिंदू देवी देवताओं का अपमान नहीं किया जा सकता
इससे पहले 25 फरवरी 2021 को इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपर्णा पुरोहित की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा था अभिव्यक्ति के नाम पर हिंदू देवी देवताओं का अपमान नहीं किया जा सकता। सभी धर्मों का सम्मान संविधान निर्माताओं का उद्देश्य था।
हाईकोर्ट ने 4 फरवरी 2021 को इंडिया हेड अपर्णा पुरोहित की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित किया था। इस मामले में जस्टिस सिद्धार्थ ने सुनवाई की थी। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखे जाने तक अपर्णा पुरोहित की गिरफ्तारी पर रोक लगाई दी थी।
एफआईआर के बाद हाईकोर्ट में दाखिल की थी अग्रिम जमानत अर्जी
तांडव वेब सीरीज पर एफआईआर दर्ज कराए जाने के बाद अग्रिम जमानत को लेकर अपर्णा पुरोहित की तरफ से हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी। इस मामले में गौतम बुद्ध नगर में अपर्णा पुरोहित समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। अपर्णा पुरोहित पर वेब सीरीज के प्रसारण के जरिए हिंदू देवी देवताओं और हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगा है। अमेजन प्राइम की इंडिया हेड पर धारा 153- A (1) (B), 295- A, 505(1)(B), 505(2) समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है।
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