अनिल अंबानी और उनकी पत्नी टीना अंबानी पर दर्ज फ्रॉड केस पर बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने FIR की जांच पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा, 'यह मामला बेहद गंभीर है। इसकी विरोधी पार्टियां अपना जवाब दाखिल करें।' हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और अनिल अंबानी सहित सभी विपक्षियों से 3 हफ्ते में जवाब मांगा है।
इस केस में सेबी अध्यक्ष, मुंबई और दिल्ली के फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट के डायरेक्टर को भी नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने यह नोटिस याची पवन कुमार की शिकायत पर दिया। उन्होंने शिकायत की थी कि पुलिस धमका रही है। याचिका में घोटाले और याची से मारपीट करने को लेकर दर्ज FIR की CBI जांच कराने की मांग की गई है।
अब याचिका की सुनवाई 25 जुलाई को होगी। स्वतंत्र पत्रकार पवन कुमार की याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ ने की।
16 मई को दर्ज हुई थी FIR
यह FIR पवन कुमार नाम के एक शख्स की शिकायत पर 16 मई को जहांगीराबाद थाने में दर्ज की गई थी। पुलिस ने ACJM बुलंदशहर के आदेश पर केस दर्ज किया था। पवन कुमार स्वतंत्र पत्रकार हैं। उन्होंने ही याचिका भी दाखिल की है।
याची का आरोप- विजय माल्या से 10 गुना बड़ा फ्रॉड
पवन कुमार का कहना है कि विजय माल्या से 10 गुना बड़ा सीरियस फ्रॉड किया गया है। सेबी ने जांच कर रिलायंस होम फाइनेंस कंपनी को फ्रॉड घोषित किया है। इस पर 514 करोड़ बैंक का और 570 करोड़ लेनदारों के पैसे का घपला करने का आरोप लगाया गया है। याची का कहना है कि स्थानीय पुलिस सही विवेचना नहीं कर सकती। इसलिए केस CBI को ट्रांसफर किया जाए। याचिका में ED यानी प्रवर्तन निदेशालय को भी पक्षकार बनाया गया है।
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