छात्र संघ चुनाव बहाली और 400% फीस वृद्धि के विरोध में छात्र का आंदोलन और तेज होता जा रहा है। आज यानी बुधवार को आंदोलन का 16वां दिन है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्र नेता फीस वृद्धि वापस लिए जाने के समर्थन में लगातार अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में UG, PG और पीएचडी कोर्स में फीस बढ़ाने का नोटिफिकेशन 14 सितंबर 2022 को जारी किया गया।
उधर, छात्र नेता अजय यादव सम्राट को बुलडोजर का डर सता रहा है। छात्र नेता सम्राट का कहना है, “हमारे घर पर शासन-प्रशासन की ओर से PDA (प्रयागराज विकास प्राधिकरण) और पुलिस की टीम भेजकर वीडियो ग्राफी बनाई जा रही है।''
उन्होंने बताया, ''बुजुर्ग पिता को धमकी दी जा रही है कि अपने बेटे को यूनिवर्सिटी से घर बुला लो, वरना बुलडोजर चल जाएगा। मेरा पूरा परिवार सहमा हुआ है। हम छात्र हित की आवाज उठा रहे हैं, जो कार्रवाई करनी है। वह मेरे ऊपर की जाए, परिवार को इसमें शामिल न किया जाए।”
छात्र नेता ने वीडियो बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजा
छात्र नेता अजय ने अपना एक वीडियो जारी कर जिला प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुरोध किया है, “मैं विश्वविद्यालय का छात्र हूं, यदि आप चाहें तो मेरे ऊपर फर्जी मुकदमे दर्ज करा दीजिए, मुझे गलत तरीके से जेल भेज दीजिए, मेरी मॉर्कशीट और डिग्री रोक लीजिए, लेकिन मेरे घर वालों को परेशान न करें।"
विश्वविद्यालय प्रशासन से मिल रही डिग्री रोकने की धमकी
दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान छात्र नेता अजय यादव सम्राट ने कहा, "इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से धमकी दी जा रही है कि अनशन खत्म करा दो वरना सारी डिग्री रद्द कर दी जाएगी। छात्र नेता ने पुलिस-प्रशासन पर आरोप लगाया कि पुलिस की तरफ से अलग धमकी मिल रही है कि विश्वविद्यालय कैंपस से हट जाओ वरना गैंगस्टर लगाकर जेल भेज दूंगा। 50 फर्जी मुकदमे मेरे ऊपर लाद दिए गए हैं और 30 से ज्यादा बार मुझे जेल भी भेजा जा चुका है।"
यह वीडियो मंगलवार को यूनिवर्सिटी के बाहर प्रदर्शन के दौरान की है। जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शन में आधा दर्जन छात्रों ने मिट्टी का तेल पी लिया था। उन सभी को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां उनका इलाज हो रहा है।
BJP छोड़ सभी पार्टी का मिला समर्थन
इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे छात्र नेता अजय यादव सम्राट और NSUI के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि हम तब तक आंदोलन की राह पर रहेंगे, जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से फीस वृद्धि को खत्म नहीं किया जाता है। छात्रों के आंदोलन को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती, शिवपाल सिंह यादव, राष्ट्रीय लोकदल समेत अन्य कई संगठनों का समर्थन मिल चुका है, लेकिन अभी तक BJP के कोई भी नेता आंदोलित छात्रों से संपर्क नहीं किया और न ही अनशन स्थल पर पहुंचा।
बता दें कि छात्रों के उग्र तेवर को देवर जिला प्रशासन और पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है। कैंपस में कई थानों की फोर्स और पैरा मिलिट्री फोर्स लगाई है। खुफिया विभाग की टीम भी यहां पल-पल की घटनाओं की जानकारी जुटा रही है।
100 साल बाद बढ़ाई गई फीस- PRO
विश्वविद्यालय की पी आरओ प्रोफेसर जया कपूर चड्ढा के मुताबिक, विश्वविद्यालय प्रशासन ने 100 साल के बाद फीस बढ़ाई है। यहां ट्यूशन फीस 12 रुपये सलाना थी, जिसे बढ़ाकर 50 रुपए किया गया है। इससे पहले पुरानी फीस 900 रुपए के आस-पास होती थी, जोकि अब 3600-3700 रुपए किया गया है।
यूनिवर्सिटी का दावा दूसरे विश्वविद्यालयों से कम है फीस
विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि बढ़ोतरी के बाद भी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की फीस अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों से कम है। नीचे दिए गए आंकड़ों के अनुसार, बीए कोर्स के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय की नई फीस 4 हजार 115 पांच केंद्रीय विश्वविद्यालयों की फीस से काफी कम है।
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