आनंद गिरि ने विशेष कोर्ट से अर्जी खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है। मामले में अब तब दो बार सुनवाई हो चुकी है। सोमवार को जमानत अर्जी पर जवाब दाखिल करने के लिए CBI ने दो सप्ताह का समय मांगा। कोर्ट ने इसे मंजूर कर लिया। अब इस पर सुनवाई अगली तारीख पर होगी। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी की एकल पीठ कर रही है।
इसके पहले 3 दिसंबर को कोर्ट में सुनवाई के बाद CBI ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था। कोर्ट ने पहली बार 3 हफ्ते का समय दिया था। आनंद गिरि अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के मामले में जेल में बंद है।
याची के अधिवक्ताओं की ओर से तर्क दिया गया है कि वह निर्दोष है। घटना से उसका कोई लेना-देना नहीं है। उसे जानबूझकर फंसाया जा रहा है।
CBI कर रही महंत की मौत मामले की जांच
20 सितंबर को अल्लापुर स्थित बाघंबरी मठ में नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। इस मामले में आनंद गिरि, मंदिर के पूर्व पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी को गिरफ्तार कर नैनी सेंट्रल जेल भेजा गया था। इस मामले की जांच CBI मुख्यालय से आई टीम कर रही है।
CBI ने आनंद गिरि समेत 3 आरोपियों को जांच के लिए रिमांड पर भी लिया था। इसके साथ ही CBI ने बाघंबरी गद्दी के महंत बलबीर गिरि महाराज और सेवादारों से भी कई बार पूछताछ की थी। CBI ने आनंद गिरी के लाई डिटेक्टर टेस्ट और पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए सीजेएम कोर्ट में आवेदन किया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
महंत नरेंद्र गिरि ने ही लिखा था सुसाइड नोट
CBI ने इस मामले में दाखिल चार्जशीट में कहा था कि महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की थी। इसीलिए CBI ने तीनों आरोपियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने (धारा 306) और साजिशकर्ता (120 बी) की धाराएं लगाई हैं। CBI ने आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी को मौत के लिए जिम्मेदार माना है।
करीब 2 महीने तक चली जांच पड़ताल में सुसाइड नोट की हैंड राइटिंग की फॉरेंसिक जांच कराई गई। इसमें पाया गया कि सुसाइड नोट महंत नरेंद्र गिरि ने ही लिखा था। CBI की चार्जशीट के मुताबिक, अभी विवेचना पेंडिंग है। यानी, आने वाले दिनों में कुछ और लोगों के नाम भी इस मामले में सामने आ सकते हैं।
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