प्रयागराज के सरस्वती हार्ट केयर में शनिवार को परिजनों ने जमकर हंगामा किया। उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर 19 हजार रुपए के लिए शव को रोके रखने का आरोप लगाया। हालांकि बाद में इस मामले में विवाद बढ़ने के 6 घंटे बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि शव रुपए के लिए नहीं रोका गया था।
हार्ट अटैक आने पर किया गया था भर्ती
मरीज शीतला प्रसाद दुबे (67) जौनपुर के मछलीशहर मधुपुर गांव का रहने वाला था। शुक्रवार सुबह उसे हार्ट अटैक आ गया। इस पर परिवार वाले उसे लेकर सरस्वती हार्ट केयर लेकर पहुंचे। उसके बाद से परिवार वालों ने इलाज के लिए अस्पताल में करीब 60 हजार रुपए जमा कर दिए। लेकिन शनिवार की सुबह अस्पताल प्रशासन ने उन्हें बताया कि उनके मरीज की मौत हो गई है। शव को आइसीयू में रखा गया है। बकाया 19 हजार रुपए जमा करके शव ले जा सकते हैं।
परिवार वाले बोले- कहां से लाएं रुपए
मृतक के रिश्तेदार राजेश पांडेय ने दैनिक भास्कर को बताया कि अस्पताल से कई बार अनुरोध किया गया। इसके बावजूद उन्होंने शव देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि हम लोगों के पास 5 हजार रुपए बचे थे। हम वही रुपए देने को तैयार थे। लेकिन अस्पताल प्रशासन मान नहीं रहा था। उन्होंने बताया कि करीब 6 घंटे के बाद मामला मीडिया में आने के बाद शव मिला है।
उधर, अस्पताल के मैनेजर विनय कुमार मिश्रा का कहना है कि मरीज कल आया था। हालत गंभीर थी। डॉक्टरों ने बचाने का पूरा प्रयास किया। वेंटिलेटर पर भी रखा गया। लेकिन आज सुबह मरीज की मौत हो गई। शव को रुपए के लिए नहीं रोका गया था।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.