प्रयागराज के संगम में पुण्यकाल के दौरान स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ शनिवार को माघ मेला क्षेत्र में दिखी। यहां दूर दराज से आए श्रद्धालुओं ने मां गंगा, यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी संगम में स्नान किया। साथ ही यहां दान पुण्य भी किया। श्रद्धालुओं ने लेटे हनुमानजी का दर्शन पूजन किया। ज्योतिषियों के अनुसार, पुण्य काल 14 जनवरी रात करीब 8:50 बजे से 15 जनवरी को दोपहर 12:50 बजे तक था।
बता दें कि बड़ी संख्या में 14 जनवरी को मकर संक्रांति मानकर संगम में स्नान कर लिए थे दूसरी ओर ज्योतिष के मुताबिक, 15 जनवरी को पुण्यकाल में स्नान करने पहुंचे। गंगा व यमुना के करीब आधा दर्जन घाटों पर श्रद्धालुओं ने स्नान किया।
15 जनवरी से समाप्त होगा खरमास
ओमप्रकाश पांडेय अनिरुद्ध रामानुज दास के अनुसार, मकर संक्रांति का पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से होता है। इस दिन भगवान सूर्य नारायण देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करके अपने पुत्र शनिदेव से मिलने के लिए उनके घर जाते हैं।
उन्होंने बताया कि मकर राशि के स्वामी शनिदेव हैं, जो ग्रहों के राजा सूर्य के पुत्र होते हुए भी उनसे शत्रुता का भाव रखते हैं। इस दिन स्नान दान और हवन करने से लोगों को अनंत पुण्य का फल मिलता है। इस दिन से खरमास की समाप्ति हो जाएगी और 20 जनवरी से विवाह इत्यादि प्रारंभ हो जाएंगे ।
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