जज साहब मैं अकेली हूं। मेरा कोई मददगार भी नहीं है। प्रयागराज से 200 किलोमीटर दूर कानपुर जाकर पति से तलाक का केस नहीं लड़ सकती।
इलाहाबाद हाईकोर्ट से शनिवार को एक महिला डॉक्टर ने यह गुहार लगाई। इस पर कोर्ट ने भी उसका साथ दिया। कोर्ट ने कहा कि अकेली महिला के पास कोर्ट आने-जाने के लिए सहयोगी न होना मुकदमे के तबादले का अच्छा आधार है। इसी के साथ हाईकोर्ट ने कानपुर नगर में चल रहे तलाक के मुकदमे को प्रयागराज में स्थानांतरित कर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक वर्मा ने डॉ. गरिमा त्रिपाठी की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया। कोर्ट ने अधीनस्थ अदालत को तलाक के केस पर 6 महीने में निर्णय देने का भी निर्देश दिया है। यह मुकदमा प्रयागराज के कमला नेहरू मेमोरियल अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर के खिलाफ चल रहा है।
हालांकि पति का कहना था कि तलाक में देरी करने के लिए यह याचिका दायर की है। उसका यह भी कहना था कि प्रयागराज में उसके जीवन को खतरा है। लेकिन कोर्ट ने इस दलील को नहीं माना।
# कानपुर रोड से लगे इलाकों से अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने किया सर्वे
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रयागराज के प्रशासनिक, सेना, पीडीए और नगर निगम के अधिकारियों ने क्षेत्र का संयुक्त रूप से सर्वे किया। सर्वे में तय किया गया कि सुलेमसराय-जीटी रोड से सूबेदार रेलवे स्टेशन को जाने वाली सड़क पर सेना, प्राइवेट और सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को पहचाना जाए। इस इलाके का सेना के रक्षा संपदा, राजस्व प्रशासन, विकास प्राधिकरण और नगर निगम के अधिकारियों की संयुक्त टीम से सर्वे कराया जाएगा। इसके बाद यह तय किया जाएगा कि किसकी जमीन पर अतिक्रमण है। सेना, पीडीए या नगर निगम जिसकी भी जमीन पर अतिक्रमण होगा वह विभाग अपनी जमीनों से खुद अतिक्रमण हटाएगा। इस बात की जानकारी हाईकोर्ट में दाखिल अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान हलफनामा दाखिल कर दी गई।
अवमानना याचिका पर न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन सुनवाई कर रहे हैं। इससे पहले हाईकोर्ट ने कमिश्नर की अगुवाई में एक टीम बनाई थी। जिसमें पीडीए, नगर निगम, जिला प्रशासन के अधिकारी तथा सेना के किसी जिम्मेदार अधिकारी के साथ ही न्याय मित्र अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी को भी शामिल किया था।
कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सभी अधिकारी आपस में बैठक कर तय करें कि अतिक्रमण कहां-कहां है और कैसे हटाया जाएगा। जिला प्रशासन की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि अगली बैठक 1 दिसंबर को होगी। जिसमें कार्रवाई की रूपरेखा तय की जाएगी और अदालत को अवगत कराया जाएगा। इसके बाद बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 7 दिसंबर तय की है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.