हम बात कर रहे हैं प्रयागराज के होम्योपैथिक डाक्टर राजेंद्र केसरवानी और उनकी बेटी वंशिका की। जिन्हें पशु पक्षियों से ऐसा प्रेम हुआ कि इन्होंने अपने दो मंजिले मकान को ही आवारा पशु के लिए समर्पित कर दिया। इनके मकान में सैकड़ों की संख्या में कुत्ते, बिल्ली, बंदर, खरगोस, तोता, कबूतर जैसे पशु पक्षी हैं। इसमें ज्यादातर चुटहिल हैं और बीमार हैं। इन्हें अपने घर में ही डॉ.केसरवानी इलाज करते हैं। जब यह जानवर पूरी तरह ठीक हो जाते हैं तो उन्हें सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया जाता है। डॉ. राजेंद्र कहते हैं कि इन्सान के शरीर में कोई पीड़ा होती है तो वह बोलकर बताने में समर्थ है लेकिन ये बेजुबान हैं, इन्हें जब दर्द होता है तो यह बता नहीं सकते है। इसलिए इन जानवरों को अपने घर में स्थान दिया हूं।
सड़क पर तड़पते बेजुबानों को देख उठा लाते हैं घर
डॉ. राजेंद्र केसरवानी जिला होम्योपैथिक अधिकारी रहे हैं। बेटी वंशिका एलएलबी की पढ़ाई कर रही है।दूसरी बेटी शिवाक्षी विदेश में प्राइवेट जाब करती है। वंशिका यदि उसे कहीं भी तड़पते जानवर दिख गए तो वह कहीं भी कितने महत्वपूर्ण काम से ही क्यों न निकली हो बिना किसी सोच विचार के उठा लेती है। घर लाती हैं और उनका इलाज शुरू करती हैं। यही कारण है कि इनके घर में अब तक 100 से ज्यादा पशु पक्षी रह रहे हैं और उनका इलाज चल रहा है। डॉ. राजेंद्र कहते हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पशुओं के लिए बेहतर कर रहे हैं। यदि सरकार से कुछ सहयोग मिल जाए तो हम और बेहतर कर पाते।
अपनी कार को ही बनाया एनिमल्स एंबुलेंस
दरअसल, पशु पक्षियों को घर लाने में और फिर उन्हें सुरक्षित छोड़ने जाने में असुविधा होती थी। ऐसे में डाॅ. राजेंद्र केसरवानी ने अपनी कार को ही एनिमल्स एंबुलेंस बना डाला। उसमें पशु पक्षियों के प्राथमिक इलाज के सभी संसाधन आदि रखे गए हैं। यदि कोई तड़पते पशु पक्षियों की सूचना देता है तो वंशिका वहां पहुंच जाती हैं और उसी कार में रखकर घर लाती हैं। इस कार्य के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा वंशिका को सम्मानित भी किया जा चुका है।
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