वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को अपराह्न सुनवाई होगी। ज्ञानवापी परिसर में भगवान आदि विश्वेश्वर की नियमित पूजा अर्चना की मांग को लेकर यह याचिका दाखिल की गई है।
अजेंट बेसिस पर सुनवाई से वाराणसी कोर्ट ने कर दिया था मना
वाराणसी की जिला अदालत में महिला वकील अनुष्का तिवारी और इंदु तिवारी ने वाराणसी जिला अदालत में अर्जी दाखिल कर ज्ञानवापी परिसर में आदि विश्वेश्वर की नियमित पूजा अर्चना की इजाजत मांगी थी। दोनों अधिवक्ता पक्षकारों को नोटिस दिए बिना अर्जेंट बेसिस पर इस मामले की सुनवाई की अपील कर रही थीं। वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन ने अनुष्का तिवारी की इस अर्जी को अर्जेंट बेसिस पर सुनने से मना कर दिया था। 2 अगस्त के सिविल जज के इसी फैसले को दोनों महिला अधिवक्ताओं ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है, जिसपर आज सुनवाई होनी है।
ज्ञानवापी विवाद पर हाईकोर्ट में 5 याचिकाएं
इलाहाबाद हाईकोर्ट में वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद से जुड़ी कुल पांच याचिकाएं दाखिल हैं। इनमें से तीन याचिकाओं पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। दो याचिकाओं में एक इंतजामिया कमेटी की ओर से और दूसरी सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल की गई है। याचिका में मुस्लिम पक्ष ने प्लेसिस आफ वरशिप एक्ट 1991 और वक्फ एक्ट 1995 से मामले को बाधित बताया है। कहा कि सिविल कोर्ट वाराणसी का आदेश इन दोनों एक्ट के खिलाफ है।
ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना की इजाजत दिए जाने के मामले में मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की तरफ से यह याचिका दाखिल की गई है।
ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी जिला कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। मस्जिद कमेटी ने वाराणसी के जिला जज की कोर्ट से 12 सितंबर को आए फैसले को चुनौती दी है।
5 महिलाओं ने श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की अनुमति को दाखिल की थी याचिका
राखी सिंह समेत पांच महिलाओं ने ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना की इजाजत दिए जाने की मांग को लेकर वाराणसी की जिला अदालत में पिछले साल याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वाराणसी के जिला जज इस मामले की सुनवाई कर रहे थे। मस्जिद कमेटी ने जिला जज की कोर्ट में अर्जी दाखिल कर इस मुकदमे को खारिज किए जाने की अपील की थी। कहा था कि 1991 के कानून के तहत इस मुकदमे की सुनवाई नहीं की जा सकती। वाराणसी के जिला जज ने 12 सितंबर को अपना फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की आपत्ति को खारिज कर दिया था। जिला जज की कोर्ट ने राखी सिंह के केस को चलते रहने देने की मंजूरी दी थी। मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने जिला जज के इसी फैसले को हाईकोर्ट में दी है चुनौती।
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