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  • Hearing In High Court In Kashi's Gyanvapi Case The Advocate Of The Hindu Side Argued, Said – The Property Itself Is Vested In The Idol Of Lord Vishweshwar

काशी के ज्ञानवापी प्रकरण में हाईकोर्ट में सुनवाई:हिंदू पक्ष के अधिवक्ता ने दी दलीलें, बोले- संपत्ति स्वयं भू भगवान विश्वेश्वर की मूर्ति में है निहित

प्रयागराज6 महीने पहले
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वाराणसी के ज्ञानवापी में श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा मामले की हुई सुनवाई सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में हुई। इसमें जस्टिस जेजे मुनीर की सिंगल बेंच में हुई सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन ने बहस की और हिंदू पक्ष की बात रखी। अधिवक्ता ने कहा, संपत्ति स्वयं भू भगवान विश्वेश्वर की मूर्ति में निहित है, हिंदू पक्ष के लोग देश की आजादी यानी 1947 के पहले से श्रृंगार गौरी की पूजा करते आ रहे हैं। उन्होंने केवल पूजा के अधिकार की मांग की है। इससे याची के किसी विधिक अधिकार का उल्लघंन नहीं होता है। इस्लामिक कानून में दूसरे की संपत्ति पर इबादत कबूल नहीं होती है। वकील विष्णु शंकर जैन ने पौराणिक तथ्यों व कोर्ट के फैसलों को लेकर पक्ष रखा।

अधिवक्ता ने स्कंद पुराण का दिया हवाला

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने पौराणिक तथ्यों व कोर्ट के फैसलों की तरफ भी कोर्ट का ध्यान दिलाया और स्कंद पुराण का भी हवाला दिया। कहा कि स्कंद पुराण के अध्याय 99 और 100 के श्लोक संख्या 61 से 70 तक इसका विस्तार से वर्णन किया गया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति के रामास्वामी द्वारा दिए गए आदेश का हवाला दिया, जिसमें यह कहा गया था कि विश्वेश्वर नाथ मंदिर को मुहम्मद गौरी और मुगल शासक औरंगजेब के समय तोड़ा गया। अब कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 6 दिसंबर का समय दिया है। यानी कल मंगलवार को फिर इस पर सुनवाई होगी।

मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर की गई है याचिका

दरअसल, जिला जज वाराणसी की कोर्ट से 12 सितंबर को आए फैसले को मुस्लिम पक्ष ने चुनौती दी है। केस से जुड़ी पांचों वादी महिलाओं समेत 10 लोगों को पक्षकार बनाया गया है। श्रृंगार गौरी मामले में राखी सिंह समेत 5 महिलाओं द्वारा वाराणसी की अदालत में मुकदमा दाखिल किया गया था। मुकदमे में अपनी आपत्ति खारिज होने के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने याचिका दाखिल किया है।

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