इलाहाबाद हाईकोर्ट में कोरोना संक्रमण से जुड़ी जनहित याचिका पर गुरुवार को होने वाली सुनवाई टल गई। अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि गुरुवार को यह याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी लेकिन तकनीकी दिक्कतों और समयाभाव के कारण इस पर सुनवाई टाल दी गई। मुख्य न्यायमूर्ति संजय यादव व न्यायमूर्ति श्रीप्रकाश पाडिया के समक्ष यह याचिका सूचीबद्ध थी।
श्रीवास्तव ने बताया कि गुरुवार को न्यायालय के समक्ष श्रृंगवेरपुर में दफन हजारों शवों के ऊपर से कफन, रामनामी चादर हटाए जाने की घटना पर बहस होनी थी। इसके अलावा श्रृंगवेरपुर में दफन शवों पर से कफन हटाने की घटना की न्यायिक जांच की मांग व जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर भी निर्णय होना था। अब इसकी अगली सुनवाई पर इन सभी मुद्दों पर बहस होगी। उन्होंने बताया कि बहस में दैनिक भास्कर की उस रिपोर्ट का भी हवाला दिया जाएगा, जिसमें श्रृंगवेरपुर में एक किलोमीटर के दायरे में दफन हजारों शवों की खबर को ब्रेक किया गया था।
भास्कर के खुलासे के बाद जागे जिम्मेदार
इसके बाद इस मुद्दे की तरफ मीडिया का ध्यान गया और यह देखते ही देखते बड़ा मुद्दा बन गया। सरकार की किरकिरी होने के बाद यह मामला तब और सुर्खियों में आया जब शवों से कफन, चुनरी और रामनामी हटवा दी गई। इसके बाद तत्कालीन DM भानुचंद्र गोस्वामी ने जांच कमेटी गठित की थी, जिसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। रिपोर्ट आने से पहले ही सरकार ने DM का तबादला कर दिया।
सुनवाई के दौरान बहस में शामिल होंगे ये बिंदु
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