उमेश पाल मर्डर केस का आरोपी गैंगस्टर अतीक अहमद प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल पहुंच गया है। बरेली जेल से उसके भाई अशरफ को भी यहां लाया गया है। अतीक का बेटा अली अहमद पहले से ही इस जेल में बंद है। जेल प्रशासन ने तय किया है कि मंगलवार को कोर्ट में अतीक की पेशी से पहले इन तीनों की मुलाकात न हो पाए।
जेल की सुरक्षा पहले से बढ़ा दी गई है। अतीक के लिए जेल के अंदर एक हाई-सिक्योरिटी बैरक बनाई गई है। 16 नए CCTV लगाए गए हैं। वहीं, प्रयागराज पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड मामले में CJM कोर्ट में माफिया अतीक से पूछताछ करने के लिए अर्जी दाखिल की है।
दैनिक भास्कर की टीम इस वक्त नैनी सेंट्रल जेल के बाहर ही है। अतीक की सुरक्षा में कौन से अधिकारी लगाए गए हैं, सुरक्षा में क्या बदलाव किया गया है, बेटे और भाई से मुलाकात न हो इसकी क्या वजह है जैसे तमाम सवालों के जवाब आइए जानते हैं। उसके पहले आप अतीक को यहां तक लाने का रूट देखिए।
अतीक की बैरक के पास तैनात कर्मियों के पास होंगे बॉडी वियर कैमरे
अतीक की बैरक की निगरानी के लिए जो सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं, उनके पास बॉडी वियर कैमरे होंगे। इससे अतीक की हर हरकत जेल प्रशासन के कैमरे में कैद होगी। सिर्फ यही नहीं, CCTV की मॉनिटरिंग लखनऊ से की जाएगी।
DG जेल आनंद कुमार ने बताया, "अतीक के जेल में एंट्री करते ही किसी भी बाहरी व्यक्ति के जेल परिसर में घुसने पर प्रतिबंध है। 28 मार्च तक कैदियों से होने वाली मुलाकात पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी। प्रयागराज जेल कार्यालय और जेल मुख्यालय के बीच 24 घंटे की मॉनिटरिंग होगी। DIG जेल मुख्यालय को सभी इंतजाम दुरुस्त करने के लिए प्रयागराज जेल भेजा गया है।"
अतीक, उसके बेटे और भाई की बैरक अलग
अतीक के साथ उसके भाई अशरफ को भी यहां लाया गया है। दोनों को लाने से पहले जेल में बंद अतीक के बेटे अली अहमद की बैरक बदल दी गई। पहले हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया था, अब उसे वहां से अंदर सर्किल नंबर एक के LS सेल में शिफ्ट कर दिया गया है। अतीक और अशरफ की भी बैरक अलग-अलग है। जेल प्रशासन की कोशिश है कि कोई भी किसी से मिल नहीं सके।
जेल के ही एक पुलिसकर्मी ने बताया, "जिस दिन STF अतीक को लाने गुजरात पहुंची थी, उसी दिन से जेल में सिक्योरिटी बढ़ानी शुरू हो गई। 26 मार्च की रात अली अहमद की बैरक बदल दी गई। साथ ही अतीक के लिए भी एक बैरक तैयार की गई। अली की बैरक इसलिए बदली गई ताकि बाप-बेटे एक दूसरे से न मिल सकें।
जेल के बाहर भी सादी वर्दी में तैनात रहेंगे सुरक्षाकर्मी
जेल में तैनात एक पुलिसकर्मी ने बताया, "मंगलवार को होनी वाली पेशी से पहले जेल में सुरक्षा की दृष्टि से 100 से अधिक अतिरिक्त पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। सेंट्रल जेल के आसपास सादी वर्दी में भी कुछ सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। ताकि किसी अनचाही हरकत पर तुरंत एक्शन लिया जाए।" नैनी जेल के मेन गेट के ठीक सामने आमतौर पर खाने-पीने के ठेले और रेहड़ी वाले रहते हैं। सुरक्षा को देखते हुए 28 मार्च तक इन्हें जेल के सामने से हटा दिया गया है।
अतीक का एक बेटा नैनी तो दूसरा लखनऊ जेल में बंद है। दो नाबालिग बेटे बाल सुधार गृह में हैं। इस ग्राफिक के जरिए उसके कुनबे को जानते हैं।
नैनी जेल पहुंचा अशरफ
शाम 6 बजकर 56 मिनट पर अतीक के भाई मो. अशरफ उर्फ खालिद अजीम को नैनी सेंट्रल जेल में लाया गया। उसे लाने के बाद दाखिले की प्रक्रिया पूरी हुई और उसके बाद उसका मेडिकल करवाया गया। इसके बाद अशरफ को हाई सिक्योरिटी सेल में भेज दिया गया।
बड़ा माफिया है इसलिए सुरक्षा भी ज्यादा होगी
योगी सरकार के कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति से भी भास्कर ने बात की। पूछा, "आखिर इतनी सुरक्षा की जरूरत क्यों पड़ी? इस पर उन्होंने कहा, अतीक बड़ा माफिया है, उसका नेटवर्क है। ऐसे में जेल में उसका नेटवर्क स्थापित न हो सके, इसके लिए पूरी सतर्कता बरती गई है। कल ही नैनी जेल में डीआईजी को भेज दिया गया था।" इसके आगे उन्होंने कहा, अगर कोर्ट में पेशी के बाद अतीक को दोबारा नैनी जेल में रखने की बात आती है तो इसकी भी तैयारी पूरी है।
इसके अलावा धर्मवीर ने दावा किया कि आज प्रदेश अपराध मुक्त हो गया है। सीएम योगी ने माफियाओं और गुंडों की कमर तोड़ी है। प्रदेश की जनता की सुरक्षा का दायित्व सरकार का है। वह काम सरकार बखूबी कर रही है।
अतीक गैंग को खत्म करने का प्लान रेडी; ददुआ, ठोकिया और विकास दुबे को मार गिराने वाले एनकाउंटर स्पेशलिस्ट को जिम्मेदारी
उमेश हत्याकांड के बाद यूपी पुलिस ने अतीक और उसके गैंग के गेम ओवर का प्लान तैयार कर लिया है। उमेश हत्याकांड के 24 दिन बीत चुके हैं। हत्याकांड के दो आरोपी एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं, एक घायल है। तीन आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चल चुका है। 5 आरोपियों पर पांच-पांच लाख रुपए का इनाम घोषित किया जा चुका है। यहां पढ़िए पूरी खबर
अतीक की क्राइम फाइल- 39 की कुंडली; 17 साल की उम्र में हत्या में नाम आया, मोहल्ले में की पहली वसूली
उमेश पाल की हत्या के बाद से अतीक अहमद का नाम एक बार फिर चर्चा में है। परिवार दर बदर है, तो अतीक अहमदाबाद की जेल में बेचैन है, क्योंकि यूपी पुलिस उससे पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। अतीक के जुर्म की एक लंबी दास्तान है, जो शुरू तो होती है प्रयागराज से, लेकिन मशहूर पूरे देश में है।
अतीक पर 1979 में हत्या का पहला मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद उसने अपनी गैंग बनाई, जिसे IS- 227 नाम दिया। आज इस गैंग के 34 शूटर नामजद हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर
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