माफिया अतीक अहमद की 24 जनवरी 2021 को कुर्क की गई जमीन की प्लाटिंग कर उसे बेच दिया गया है। जमीन बिकने के बाद उसपर रातों रात कई मकान बनकर खड़े कर दिए गए। बेखौफ भूमाफिया ने कुर्की का नोटिस बोर्ड भी उखाड़कर फेंक दिया और प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने मकानों का नक्शा भी पास कर दिया। कुर्की की जमीन पर यह सब कैसे हुआ? यह यक्ष प्रश्न है। फिलहाल पूरी व्यवस्था पर ही सवाल खड़े हो गए हैं।
कुर्क जमीन की कीमत 20 करोड़
अतीक अहमद की जमीन को गैंगस्टर एक्ट में 24 जनवरी 2021 को कुर्क किया गया था। उस समय जमीन की कीमत 20 करोड़ आंकी गई थी। करेली पुलिस ने एनुद्दीनपुर में अतीक अहमद की बेनामी संपत्तियों का पता लगाया था। उस समय डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने करेली पुलिस को गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया था। इसके बाद 24 जनवरी 2021 को करेली पुलिस ने अतीक अहमद की 12 बीघे जमीन पर कुर्की की कार्रवाई की थी। बाकायदा मुनादी की गई। कुर्की का बोर्ड भी लगाया गया था। प्रयागराज पुलिस ने 12 दिनों में 100 करोड़ की जमीन कुर्क की है।
कुर्की के डेढ़ साल बाद पता चला जमीन पर मकान बन गया
माफिया अतीक अहमद कि 12 बीघे जमीन की कुर्की के डेढ़ साल बाद पता चला कि इन जमीनों पर भू माफियाओं ने मकान बनवा दिए हैं। इन्हें गुपचुप तरीके से बेच दिया गया है। कुर्क की गई जमीन को भूमाफिया ने अपने-अपने दाम भेज दिया। सस्ते के चक्कर में कई लोगों ने जमीनें खरीदकर मकान बनवा लिए। अब सवाल यह उठता है कि कुर्क की गई जमीन की राजस्व विभाग में रजिस्ट्री कैसे कर दी? दाखिल खारिज कैसे हो गया? करेली पुलिस ने इसकी जांच क्यों नहीं की? इस बड़े फर्जीवाड़े के पीछे आखिरकार कौन लोग हैं?
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