दो साल बाद हुई यूपी TET की परीक्षा का पर्चा लीक होने से पूरा सिस्टम सवालों के घेरे में हैं। शुरुआती जानकारी में ये सामने आया है कि सरकारी सिस्टम से ही पेपर लीक हुआ है। प्रश्नपत्र को जिला मुख्यालय में पहुंचने के बाद DIOS समेत अधिकारियां की पूरी जिम्मेदारी होती है कि परीक्षा से पहले ये किसी के हाथ न आए। इससे पहले भी पेपर लीक होते रहे हैं, तो फिर जिम्मेदार अफसरों ने फुल-प्रूफ सिस्टम क्यों नहीं बनाया? परीक्षा से पहले पर्चा किसकी गलती से बाहर आया? क्या इसके लिए अफसर जवाबदेह नहीं हैं?
एग्जाम सेंटर में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था कराने वाले इन अफसरों को इस बात की भनक क्यों नहीं लग पाई कि इनके ही सिस्टम में लीकेज है। कोषागार में रखे पर्चों की फोटो कैसे बाहर आई? उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पेपर लीक के आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की बात कह रहे हैं, लेकिन 21 लाख छात्रों के कसूरवार इन अफसरों से सवाल क्यों नहीं हो रहे हैं?
डबल लॉक में रखने के बावजूद कैसे लीक हुआ?
मथुरा, प्रयागराज व मेरठ से पेपर लीक होने की बात सामने आ रही है। प्रश्नपत्र को कोषागार के डबल लॉक में रखने के बावजूद कैसे लीक हुआ? दरअसल एजेंसी की ओर से प्रश्नपत्र को जिला मुख्यालय में पहुंचा दिए जाने के बाद स्थानीय प्रशासन की पूरी जिम्मेदारी होती है कि प्रश्नपत्र परीक्षा केंद्र तक सुरक्षित पहुंचाई जाए।
23 गिरफ्तार, कई हिरासत में
यूपी टेट परीक्षा प्रश्नपत्र लीक मामले में प्रयागराज से STF ने एक दर्जन से अधिक संदिग्धों को दबोचा है। सभी से पूछताछ की जा रही है। इस बात की जानकारी ली जा रही है कि आखिर इन लोगों के पास प्रश्नपत्र किस प्रकार पहुंचा।
पहली बार लाइव CCTV सर्विलांस की व्यवस्था
TET में पहली बार लाइव CCTV सर्विलांस की व्यवस्था की गई है। इसका मकसद हर हाल में बिना नकल के परीक्षा कराना है। इसे हर परीक्षा केंद्र पर एक्टिव किया गया है। इसकी मॉनिटरिंग लखनऊ में होगी। यदि किसी भी परीक्षा केंद्र पर किसी प्रकार की गड़बड़ी की गई तो वह फौरन पकड़ में आ जाएगी। लखनऊ में बनाए गए नियंत्रण कक्ष से हर पल की निगरानी हो रही थी।
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