कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के विधानसक्षा क्षेत्र में अतीक अहमद की करोड़ों की प्रापर्टी ध्वस्त करने के बाद अब छोटे बेटे अली पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है। पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में वांछित अली को खोजने के लिए पुलिस ने कई जगहों पर दबिश दी है पर वह अभी पुलिस की पकड़ से दूर है। ऐसे में पुलिस ने अली पर इनाम घोषित करने की तैयारी कर ली है। अतीक का बड़ा बेटा उमर दो लाख का इनामी है। उसकी तलाश पिछले तीन साल से सीबीआई कर रही है पर अभी तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है।
जीशान के फार्महाउस पर अली ने चलवा दिया था बुलडोजर
जीशान उर्फ जानू ने अतीक अहमद के बेटे अली समेत 9 लोगों के खिलाफ 31 दिसंबर को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। ऐनुद्दीनपुर निवासी जीशान का आरोप था कि 31 दिसंबर को उसके प्लॉट पर पहुंचकर आरोपियों ने उसे मारा पीटा और पांच करोड़ की रंगदारी मांगी। न देने पर पूरे फार्म हाउस को बुलडोजर से तहस-नहस कर दिया। बाउंड्री वाल भी तोड़ दी।
दो आरोपी पहले ही जा चुके हैं जेल
जीशान की रिपोर्ट के बाद ने 15 नामजद लोगों में से सैफ और फहद को मौके से ही पकड़कर जेल भेजा जा चुका है। सूत्रों के मुताबिक जब जीशान के फार्म हाउस पर बुलडोजर चल रहा था उस समय वहां अतीक अहमद का छोटा बेटा अली भी काली रंग की फार्च्यूनर में बैठा हुआ था। जब मौके पर प लिस पहुंची तो वह फरार हो चुका था। अली की तलाश में पुलिस टीम ने उसके घर पर दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिला। पुलिस ने जब परिजनों से अली के बारे में पूछा तो उन्होंने जानकारी न होने की बात कही। सीओ कोतवाली सत्येंद्र प्रसाद तिवारी ने बताया कि आरोपियों की तलाश में कई जगहों पर दबिश दी गई है पर अभी तक अली व अन्य नामजद नहीं मिल सके हैं।
FIR की कॉपी में अतीक अहमद का नाम नहीं
इस मामले में एक खास बात यह है कि पुलिस ने जो रिपोर्ट दर्ज की है उसमें अतीक का नाम ही नहीं है। पुलिस ने रिपोर्ट में अली अब्बा नाम के अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस अफसरों ने बताया कि तहरीर में जीशान ने लिखा है कि अली ने अपने अब्बा से फोन पर बात कराई। उसने अतीक अहमद का नाम नहीं लिखा है। ऐसे में यह विवेचना का विषय है कि अब्बा अतीक अहमद थे या कोई और। अतीक अहमद अभी अहमदाबाद जेल में बंद हैं। ऐसे में जेल से कैसे कोई फोन से बात कर सकता है यह जांच का विषय है। अहमदाबाद जेल के अधिकारियों से भी इस बाबत पूछताछ होगी।
AIMIM ने किया पलटवार, कहा-हिस्ट्रीशीटर है वादी, फर्जी केस दर्ज कराया
उधर, आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन (AIMIM) ने पलटवार किया है। AIMIM जिलाध्यक्ष शाहआलम का कहना है कि वादी जीशान खुद एक हिस्ट्रीशीटर है। उसने उनकी पार्टी के नेता अतीक अहमद व उनके बेटे अली व एक अन्य कार्यकर्ता असद पर फर्जी केस दर्ज कराया है। उनका कहना है कि जीशान खुल्दाबाद थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके भाई इमरान पर भी कई केस दर्ज हैं। देनों अतीक के सगे साढ़ू भी हैं। इमरान की गिनती भूमाफियाओं में आती है। वह खुद अवैध रूप से जमीनों पर कब्जा करता रहा है। उसने कई लोगों की करोड़ों की जमीन हड़पी है। दोनों की कई रियल इस्टेट कंपनियां भी हैं। पार्टी की ओर से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई।
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