अमेठी का मनीष पांडेय शराब छोड़ने के लिए 750 किलोमीटर के पदयात्रा पर निकल पड़ है। उसके हाथ में राम नाम लिखा झंडा था। वह मध्य प्रदेश के छतरपुर में बागेश्वर धाम पहुचेगा। वहां से बालाजी के सामने मत्था टेकेगा। शराब छोड़ने के लिए अर्जी लगाएगा। हाथ में राम नाम लिख 12 अगस्त को अमेठी से निकला बुधवार को प्रयागराज पहुंचा। वहां रात को रुका। इसके बाद आज सुबह फिर पैदल चल दिया।
मनीष अमेठी के टीकरमाफी का रहने वाला है। दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान मनीष ने बताया, "मैं शराब अधिक पीता हूं। जिसके कारण आर्थिक तंगी आ गई। परिवार चलाना मुश्किल हो गया। हमारी दो बेटियां श्री और युवती है। उन्होंने मुझसे कहा, पापा आप शराब पीना छोड़ दो नहीं, तो हम सबका भविष्य खराब हो जाएगा। यही बात हमको लगी और मैने शराब छोड़ने की ठान ली। यह संकल्प लेने के लिए बागेश्वर धाम जा रहा हूं।"
अमेठी में टिफिन सर्विस देता था युवक
मनीष ने बताया, "मैं वह लुधियाना में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। कोरोना महामारी के दौरान नौकरी छूट गई। मैं अमेठी में टिफिन सर्विस देने लगा। कुछ गलत लोगों के संगत में फंस गया। शराब पीने लगा था। इसके बाद मेरा टिफिन का काम भी बंद हो गया। घर में खाने की मसस्या हो गई, इसलिए शराब छोड़ने का संकल्प लिया है।"
बारिश हो या धूप नहीं थमेंगे पैर
मनीष श्रीराम का नाम जपते हुए अपनी मंजिल की ओर पैदल ही बढ़ते जा रहा है। पीठ में एक बैग जिसमें दो कपड़े और पानी का बाेतल लेकर चल रहा है। रास्ते में कभी बारिश तो कभी धूप मिल रही, लेकिन मनीष अपनी यात्रा जल्द से जल्द पूरा करने में लगा है। कहता है कि उसने प्रण किया है कि जिंदगी में कभी शराब नहीं पियेगा। वह बालाजी के दर पर मत्था टेकेगा और उनसे विनती करेगा कि उसका पूरा परिवार फिर पहले जैसा हो जाय।
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