सीआइएससीई, सीबीएसई, यूपी बोर्ड के बाद अब नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) ने भी कोविड-19 महामारी के चलते 12वीं कक्षा की परीक्षा रद्द कर दी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोरखियाल निशंक ने इस फैसले की जानकारी ट्वीट कर दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा-'छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर एनआईओएस ने 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी है। इस निर्णय से 1.75 लाख छात्रों को राहत मिलेगी।'
एनआईओएस ने जून में होने वाली 10वीं की परीक्षा को मई में ही रद्द कर दिया था। इसके अलावा 12वीं की परीक्षा को स्थगित करने की घोषणा की थी। नोटिस जारी कर कहा गया था कि 20 जून तक कोविड-19 महामारी के कारण स्थिति की समीक्षा के बाद ही 12वीं की परीक्षाओं की तारीखों पर फैसला लिया जाएगा।
सरकार ने जब सीबीएसई बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा रद की तभी कयास लगाए जा रहे थे कि एनआइओएस भी जल्द ही इंटर की परीक्षा को रद करने की घोषणा करेगा।
मूल्यांकन के लिए जल्द ही ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया
परीक्षा रद करने की घोषणा के बाद निशंक ने कहा कि छात्रों का मूल्यांकन करने के लिए जल्द ही ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया की घोषणा की जाएगी। इस पर मंथन चल रहा है। सीबीएसई परीक्षा रद्द होने के बाद यूपी, एमपी, राजस्थान, ओडिशा, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक ने भी अपने-अपने राज्य बोर्डों की 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दीं।
तनावपूर्ण माहौल में परीक्षा देने के लिए बाध्य नहीं कर सकते-पीएम
ज्ञातव्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बीते मंगलवार को हुई बैठक में सीबीएसई 12वीं की परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया गया था। पीएम मोदी ने कहा था कि छात्रों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, इससे समझौता नहीं किया जा सकता। छात्रों को कोविड-19 महामारी के इस तनावपूर्ण माहौल में परीक्षा देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
पीएम मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कक्षा 12वीं का रिजल्ट एक उपयुक्त व उचित क्राइटेरिया के आधार पर समयबद्ध तरीके से जारी किया जाएगा। पिछले साल की तरह, यदि कुछ छात्र परीक्षा देने की इच्छा रखते हैं, तो स्थिति अनुकूल होने पर सीबीएसई द्वारा उन्हें ऐसा विकल्प प्रदान किया जाएगा।
12वीं परीक्षा के लिए 6,268 परीक्षार्थी पंजीकृत थे
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान प्रयागराज के क्षेत्रीय निदेशक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि इस वर्ष की 12वीं परीक्षा के लिए 6,268 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। उन्हें अब अगली कक्षा के लिए प्रोन्नत किया जाएगा।परीक्षार्थियों की लिखित व प्रायोगिक दोनों परीक्षाएं रद की गई हैं। जो छात्र-छात्राएं मूल्यांकन से संतुष्ट नहीं होंगे, उन्हें स्थिति सामान्य होने पर परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा। यह पूरी तरह से ऑनडिमांड होगा। मूल्यांकन के लिए एनआइओएस वस्तुनिष्ठ मानदंड तैयार करेगा। इस पर काम चल रहा है।
निदेशक ने बताया कि पहले ही निरस्त हो चुकी हाईस्कूल की परीक्षा में कुल 2225 छात्र पंजीकृत थे। एनआइओएस के प्रयागराज रीजन में कुल 62 जिले आते हैं। प्रदेश का नोएडा व गाजियाबाद दिल्ली रीजन में है, जबकि 11 जिले उत्तराखंड रीजन में आते हैं।
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