शासन ने प्रयागराज के जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया है। उनपर कुंभ में 35 लाख रुपये गबन करने, अपने अधीनस्थों और सीनियर्स का उत्पीड़न करने, वाहनों का गलत तरीके से भुगतान करने, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ फेसबुक पर अशोभनीय टिप्पणी करने वाले विवेक को आरोपमुक्त करने जैसे गंभीर आरोप हैं।
पहुंच के बल पर दबवा रखी थी विजिलेंस जांच
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग, लखनऊ की ओर से गुरुवार को मनोज राव के निलंबन का आदेश आया। मनोज राव के ऊपर प्रयागराज व गोंडा में तैनाती के दौरान कई गंभीर आरोप लगे थे। इन मामलों की विजिलेंस भी जांच कर रही है। मनोज राव की पहुंच शासन तक होने के कारण उसने जांच को ही दबवा रखा था। अब कुंभ में 35 लाख के गबन के आरोप लगने और अधीनस्थों के उत्पीड़न के ताजा आरोपों की जांच के बाद उन्हें कौशांबी के जिलाधिकारी कार्यालय से संबंध कर दिया गया था। इसके बाद अपर निदेशक वित्त दिलीप कुमार अग्रवाल और उप निदेशक कमलेश गुप्ता को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। मनोज राव के खिलाफ जांच रिपोर्ट आने के बाद शासन ने निलंबित करते हुए आरोपपत्र भी दिया है।
क्या है आरोप पत्र में
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