शाहजहांपुर के जिला कोर्ट परिसर में सोमवार को एडवोकेट भूपेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कोर्ट परिसर में एक अधिवक्ता की गोली मारकर हत्या के विरोध में प्रदेशभर के अधिवक्ता 20 अक्टूबर को न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। यह निर्णय बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के सचिव प्रशांत सिंह अटल ने लिया है।
कोर्ट परिसर में की गई हत्या कोई सामान्य घटना नहीं
यूपी बार काउंसिल अध्यक्ष शिरीष चंद्र ने कहा कि कोर्ट परिसर में की गई भूपेंद्र सिंह की हत्या कोई सामान्य घटना नहीं है। यह घटना प्रदेश में कानून-व्यवस्था और वकीलों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है। प्रदेश के अन्य जनपदों में भी अधिवक्ताओं की हत्या हुई है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जोकि अत्यंत दुखद है। बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिरीष चंद्र मेहरोत्रा, उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह व अन्य सदस्यों सहमति के बाद 20 अक्टूबर को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया गया है।
एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो, मृतक के परिजनों को मिले 50 लाख रुपये व एक नौकरी
साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि प्रदेश सरकार से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की जाएगी। मृतक भूपेंद्र सिंह के परिवार को 50 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में रखने व बरेली के साथ-साथ प्रदेश के अन्य मृतक अधिवक्ताओं के आश्रितों को भी ऐसी ही सहायता देने की मांग की जाएगी। 20 अक्टूबर को ही प्रदेशभर की बार एसोसिएशन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन सौंपेंगी।
विरोध-प्रदर्शन में प्रदेशभर के अधिवक्ता होंगे शामिल
इस घटना के विरोध में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने प्रदेश के सभी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व मंत्री को पत्र भेजकर 20 अक्टूबर के विरोध-प्रदर्शन करने और न्यायिक कार्य से विरत रहने का अनुरोध किया है। स्थानीय बार एसोसिएशन के पदाधिकारी जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन देंगे। इस ज्ञापन में कोर्ट परिसर में असलों के साथ आने पर प्रतिबंध लगाने, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग प्रमुख होगी।
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