यूपी में प्रयागराज के एक अस्पताल के बाहर मां की गोद में उसके 4 साल के बच्चे की मौत हो गई। बच्चे के पिता का आरोप है कि वे और उनकी पत्नी दो घंटे तक डॉक्टर्स से मिन्नतें करते रहे, लेकिन पचास हजार रुपए जमा नहीं करने के कारण उन्होंने बच्चे को भर्ती नहीं किया। शांतिपुरम् के प्राची अस्पताल गेट पर बेटे को शव को लेकर मां चीखती-चिल्लाती रही। अब इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है।
इस खबर में पोल है। आगे बढ़ने से पहले आप इसमें हिस्सा ले सकते हैं।
“डॉक्टर साहेब, हमरे भईया के बचाई ल..”
प्राची अस्पताल में दोपहर करीब 3 बजे मऊआइमा की रहने वाली राबिया अपने चार साल के बेटे शोएब को इलाज के लिए लेकर पहुंची। महिला यहां रोते हुए डॉक्टरों के सामने मिन्नतें करती रही। वह कह रही थी, “डॉक्टर साहेब, हमरे भइया के बचाई ल...अस्पताल में भर्ती कई ल...। मगर, अस्पताल के डॉक्टरों ने कभी रुपए तो कभी रेफर करने की बात करते रहे। अस्पताल के किसी भी डॉक्टर ने बच्चे की हालत को गंभीरता से नहीं लिया। इसके चलते बच्चे को भर्ती नहीं किया गया।
मेनिनजाइटिस से पीड़ित था बच्चा
राबिया ने बताया, ''पांच दिन से बच्चे की तबीयत खराब थी। वह मेनिनजाइटिस से पीड़ित था। उसे मऊआइमा के अमन अस्पताल में पहले भर्ती कराया था। हालत खराब होने के चलते प्राची अस्पताल लेकर आई। रास्ते में एंबुलेंस चालक ने 2 हजार रुपए मांगे। पैसे नहीं दिए, तो नाले के पास छोड़कर चला गया।
उसने बताया, ''इसके बावजूद मैं किसी तरह प्राची अस्पताल पहुंची, तो डॉक्टरों ने कहा कि घर के जिम्मेदार को बुलाओ। इसके बाद डॉक्टरों ने मुझसे पैसों के बारे में जानकारी ली। डॉक्टरों ने कहा कि तुम्हारे पैसा है कि नहीं, तो मैंने कहा कि मेरे पास कुछ पैसे हैं। इसके बाद डॉक्टर चले गए।"
पिता का आरोप- भर्ती करने के लिए स्टाफ मांग रहा था 50 हजार रुपए
दैनिक भास्कर से मृतक शोएब के पिता ने मो. हलीम ने बताया, ''बेटे को 5 दिन से बुखार आ रहा था। उसे मऊआइमा के अमन अस्पताल में भर्ती कराया था। मगर, आराम नहीं मिला तो अमन अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे रेफर कर दिया। इसके बाद हम बेटे को लेकर शांतिपुरम् के प्राची अस्पताल गए। वहां दो घंटे तक हम लोगों को परेशान किया गया।
हलीम ने बताया कि हम लोग भर्ती करने के लिए कहते रहे, लेकिन स्टाफ ने कहा कि पहले 50 हजार रुपए जमा कर दो, फिर हम भर्ती करेंगे। मैं और मेरी पत्नी डॉक्टर के सामने गिड़गिड़ाते रहे कि बेटे को भर्ती कर लें। हम लोग रुपए का इंतजाम कर लेंगे। मगर, डॉक्टरों ने एक न सुनी और अंत में बच्चे की मौत हो गई।
CMO बोले- लापरवाही मिली तो होगी कार्रवाई
CMO डॉ. नानक सरन ने दैनिक भास्कर को बताया कि घटना की जानकारी नहीं है। यदि अस्पताल की लापरवाही मिलती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उधर, फाफामऊ थानाध्यक्ष आशीष कुमार सिंह का कहना है कि पीड़ित परिजनों से अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की बात को लेकर बात की गई तो उनके परिजनों ने किसी भी कार्रवाई करने से इंकार करते हुए शव को अपने साथ लेकर चले गए।
हमारी लापरवाही नहीं-अस्पताल संचालक
प्राची हॉस्पिटल के संचालक डॉ. प्रशांत पटेल ने कहा कि बच्चा आया था। उसकी हालत गंभीर थी। इसलिए उसे मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया था। मगर, एंबुलेंस आने में समय लग गया। इसके बाद पता चला कि मौत हो गई। इसमें हमारी लापरवाही नहीं है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.