उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी माफिया अतीक अहमद को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया। गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज की नैनी जेल के 1300 किलोमीटर के सफर को पूरा करने में 23 घंटे 45 मिनट लगे। ये सफर आसान नहीं था। खासकर उस ड्राइवर के लिए, जो अतीक की गाड़ी चला रहा था। मीडिया की गाड़ियां लगातार ओवरटेक कर रही थीं। कैमरे का फोकस सीधे ड्राइवर पर था। शिवपुरी में अचानक सामने आई गाय ने ड्राइवर का हलक सुखा दिया।
दैनिक भास्कर की टीम इस वक्त प्रयागराज में मौजूद है। अतीक की गाड़ी चलाकर गुजरात से प्रयागराज लेकर आए परशुराम किसी हीरो से कम नहीं। गाड़ी में उस वक्त क्या बात हो रही थी? आखिर उन्होंने मीडिया की गाड़ी चला रहे ड्राइवरों से क्यों कहा कि तुम लोग एक्सीडेंट करवाओगे? अतीक को क्यों कहना पड़ा कि गाड़ी धीरे चलाओ?
इन सभी सवालों को जानने के लिए हमने ड्राइवर परशुराम से फोन पर बात की। आइए अब एक-एक सवालों के जवाब जानते हैं...
पूरी रात बिना सोए चलाई गाड़ी
हमने ड्राइवर परशुराम से पूछा कि आपकी यात्रा कैसी रही? उनका जवाब था, 'अरे मत पूछिए साहब, बड़ी रिकॉर्ड तोड़ गाड़ियां चलाई हैं। इतनी रफ्तार से काफिला चला है कि इतनी जल्दी तो कोई ट्रेन भी नहीं पहुंचा सकती है। 24 घंटे के पहले गुजरात से प्रयागराज पहुंचा दिया।'
क्या गाड़ी आपने अकेले चलाई? इस सवाल के जवाब में परशुराम कहते हैं, 'हां, पूरा सफर हमने ही तय किया। कोई और साथ नहीं था। बीच-बीच में तेल भरवाने के लिए गाड़ी रुकी। अतीक के कहने पर गाड़ियां रुकीं। इसके अलावा कहीं भी सोने के लिए गाड़ी नहीं रोकी गई।'
ड्राइवर परशुराम बताते हैं कि अतीक डायबिटीज का मरीज है, वो गाड़ी में बैठा तो घबरा रहा था, क्योंकि उसने बैठने से पहले कह दिया था कि ये लोग मेरी हत्या करवाना चाहते हैं। उसके चेहरे पर डर नजर आ रहा था। रात में जब हम तेजी से गाड़ियां चलाने लगे तो उसने हमें टोका और कहा, 'गाड़ी धीरे चलाओ हम डायबिटीज के मरीज हैं।'
गाड़ी से गाय टकराई तो घबरा गया अतीक
सुबह साढ़े सात बजे शिवपुरी क्रॉस करने के बाद खराई चेकपोस्ट से जैसे ही आगे बढ़े, हाईवे के बीचों-बीच एक गाय खड़ी थी। वो अचानक अतीक की गाड़ी से आकर टकरा गई। इसे लेकर परशुराम बताते हैं कि गाय साइड से आई, इसलिए हमें नजर ही नहीं आई। अचानक टकराने से एक झटका लगा। तेजी से ब्रेक लगाने के कारण अंदर बैठा अतीक हड़बड़ा गया।
चाय बिस्कुट खाकर चलाई गाड़ी
रास्ते में आपने और अतीक ने क्या खाया? इस सवाल के जवाब में परशुराम बताते हैं कि हमने तो 25, 26 और 27 मार्च तक चाय-बिस्कुट खाकर ही गाड़ी चलाई। अतीक के बारे में बहुत कुछ नहीं बता सकता। उसके खाने के लिए भी पुलिस ने इंतजाम कर रखा था। 27 मार्च को जब गाड़ी लेकर यहां आ गया तब जाकर खाना खाया।
4 राज्यों से होकर गुजरा काफिला, सबसे ज्यादा UP में रेस्ट टाइम मिला
STF का काफिला शनिवार 25 मार्च की दोपहर को UP से माफिया अतीक को लाने के लिए गुजरात निकला। रविवार 26 मार्च को STF टीम शाम 5:45 बजे साबरमती जेल से निकली। अगले 24 घंटे में काफिले ने अहमदाबाद से राजस्थान के उदयपुर-कोटा होते हुए मध्य प्रदेश में शिवपुरी के रास्ते सोमवार सुबह 9 बजे के करीब उत्तर प्रदेश में एंट्री की। झांसी, जालौन फिर चित्रकूट के रास्ते सोमवार शाम 5:30 बजे प्रयागराज की नैनी जेल पहुंचा। आइए पड़ाव-दर-पड़ाव रूट को समझते हैं।
अतीक को लाने पहुंचे 30 पुलिसकर्मी, केवल 5 के पास था मोबाइल
गुजरात की साबरमती जेल से अतीक को लेकर लौट रही 30 पुलिसकर्मियों की टीम में सिर्फ 5 अधिकारियों के पास ही मोबाइल फोन थे। इनमें IPS अभिषेक भारती, एक दूसरा IPS और 3 DSP रैंक के अधिकारी शामिल थे। जिस वज्र वाहन में अतीक को बैठाया गया। उसमें तैनात किसी भी पुलिसकर्मी के पास मोबाइल नहीं था। इन 5 अफसरों को छोड़कर सभी पुलिसकर्मियों के मोबाइल पहले ही जमा करवा लिए गए थे।
मीडिया को चकमा देने पुलिस ने रास्ता बदला था
अतीक अहमद को ले जा रही उत्तर प्रदेश पुलिस ने मीडिया के काफिले को सड़क पर देखकर रास्ता बदल दिया। मीडिया को चकमा देने के लिए अहमदाबाद पुलिस ने UP STF की वैन को शाही बाग अंडरपास से यू-टर्न लेकर नरोडा-चिलोदा रोड से शामलाजी की तरफ मोड़ दिया। शाही बाग अंडरपास से कुछ दूर ही अहमदाबाद पुलिस ने मीडिया की कई गाड़ियों को आगे बढ़ने से रोक दिया था।
आखिर में जान लीजिए कि अतीक को किस मामले में प्रयागराज जेल लाया गया था...
अतीक ने साल 2006 में उमेश पाल को गन पॉइंट पर अगवा कर लिया था। उमेश ने 2007 में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कराया था। इस केस में प्रयागराज की स्पेशल MP/MLA कोर्ट 28 मार्च को फैसला सुनाएगी। इसी केस में आरोपी अतीक को कोर्ट में पेश करने के लिए यूपी STF उसे प्रयागराज लाई है।
उमेश पाल मर्डर केस के आरोपी गैंगस्टर अतीक अहमद से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें...
उमेश पाल मर्डर केस का आरोपी गैंगस्टर अतीक अहमद प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल पहुंच गया है। बरेली जेल से उसके भाई अशरफ को भी यहां लाया गया है। अतीक का बेटा अली अहमद पहले से ही इस जेल में बंद है। जेल प्रशासन ने तय किया है कि मंगलवार को कोर्ट में अतीक की पेशी से पहले इन तीनों की मुलाकात न हो पाए। जेल की सुरक्षा पहले से बढ़ा दी गई है। अतीक के लिए जेल के अंदर एक हाई-सिक्योरिटी बैरक बनाई गई है। 16 नए CCTV लगाए गए हैं।
दैनिक भास्कर की टीम इस वक्त नैनी सेंट्रल जेल पहुंची। अतीक की सुरक्षा में कौन से अधिकारी लगाए गए हैं, सुरक्षा में क्या बदलाव किया गया है, बेटे और भाई से मुलाकात न हो इसकी क्या वजह है जैसे तमाम सवालों के जवाब आइए जानते हैं। पूरी खबर पढ़ें...
यूपी STF के अफसर और 30 हथियारबंद जवान अहमदाबाद पहुंचे और शाम 4 बजे तक गुजरात पुलिस से अतीक की कस्टडी ली। 5 बजकर 44 मिनट पर अतीक को साबरमती जेल से बाहर लाया गया और वैन में बैठा दिया गया। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उसने कहा, 'यूपी STF मेरी हत्या कर देगी।'
भास्कर के 2 रिपोर्टर चेतन पुरोहित और कमल परमार अहमदाबाद से प्रयागराज तक पूरे सफर को फॉलो कर रहे थे। उन्होंने बताया कि सुबह 7 बजे के आसपास जब काफिला MP के शिवपुरी में रोका गया तो अतीक को भी बाहर उतारा गया। उससे पूछा गया कि क्या आपको डर लग रहा है, तो गैंगस्टर बोला- किस बात का डर। पढ़ें पूरी खबर...
गैंगस्टर अतीक अहमद को गुजरात जेल से उत्तर प्रदेश लाने की तैयारी है। उत्तर प्रदेश पुलिस रविवार को अहमदाबाद की साबरमती जेल पहुंच गई है। अतीक को जबरन वसूली और दंगा भड़काने के केस में प्रयागराज की कोर्ट में पेश होना है। इसके लिए यूपी पुलिस अहमदाबाद पहुंची है। अतीक का नाम उमेश पाल की हत्या में भी शामिल है। पूरी खबर पढ़ें...
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