भास्कर एक्सक्लूसिवअतीक को गुजरात से प्रयागराज लाने वाले ड्राइवर से बातचीत:गाड़ी तेज चली तो माफिया बोला- डायबिटीज का मरीज हूं... धीरे चलाओ

प्रयागराज2 महीने पहलेलेखक: देवांशु तिवारी
  • कॉपी लिंक

उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी माफिया अतीक अहमद को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया। गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज की नैनी जेल के 1300 किलोमीटर के सफर को पूरा करने में 23 घंटे 45 मिनट लगे। ये सफर आसान नहीं था। खासकर उस ड्राइवर के लिए, जो अतीक की गाड़ी चला रहा था। मीडिया की गाड़ियां लगातार ओवरटेक कर रही थीं। कैमरे का फोकस सीधे ड्राइवर पर था। शिवपुरी में अचानक सामने आई गाय ने ड्राइवर का हलक सुखा दिया।

दैनिक भास्कर की टीम इस वक्त प्रयागराज में मौजूद है। अतीक की गाड़ी चलाकर गुजरात से प्रयागराज लेकर आए परशुराम किसी हीरो से कम नहीं। गाड़ी में उस वक्त क्या बात हो रही थी? आखिर उन्होंने मीडिया की गाड़ी चला रहे ड्राइवरों से क्यों कहा कि तुम लोग एक्सीडेंट करवाओगे? अतीक को क्यों कहना पड़ा कि गाड़ी धीरे चलाओ?

इन सभी सवालों को जानने के लिए हमने ड्राइवर परशुराम से फोन पर बात की। आइए अब एक-एक सवालों के जवाब जानते हैं...

अतीक को अहमदाबाद से प्रयागराज ले जाता UP पुलिस का काफिला।
अतीक को अहमदाबाद से प्रयागराज ले जाता UP पुलिस का काफिला।

पूरी रात बिना सोए चलाई गाड़ी
हमने ड्राइवर परशुराम से पूछा कि आपकी यात्रा कैसी रही? उनका जवाब था, 'अरे मत पूछिए साहब, बड़ी रिकॉर्ड तोड़ गाड़ियां चलाई हैं। इतनी रफ्तार से काफिला चला है कि इतनी जल्दी तो कोई ट्रेन भी नहीं पहुंचा सकती है। 24 घंटे के पहले गुजरात से प्रयागराज पहुंचा दिया।'

क्या गाड़ी आपने अकेले चलाई? इस सवाल के जवाब में परशुराम कहते हैं, 'हां, पूरा सफर हमने ही तय किया। कोई और साथ नहीं था। बीच-बीच में तेल भरवाने के लिए गाड़ी रुकी। अतीक के कहने पर गाड़ियां रुकीं। इसके अलावा कहीं भी सोने के लिए गाड़ी नहीं रोकी गई।'

ड्राइवर परशुराम बताते हैं कि अतीक डायबिटीज का मरीज है, वो गाड़ी में बैठा तो घबरा रहा था, क्योंकि उसने बैठने से पहले कह दिया था कि ये लोग मेरी हत्या करवाना चाहते हैं। उसके चेहरे पर डर नजर आ रहा था। रात में जब हम तेजी से गाड़ियां चलाने लगे तो उसने हमें टोका और कहा, 'गाड़ी धीरे चलाओ हम डायबिटीज के मरीज हैं।'

गाड़ी से गाय टकराई तो घबरा गया अतीक
सुबह साढ़े सात बजे शिवपुरी क्रॉस करने के बाद खराई चेकपोस्ट से जैसे ही आगे बढ़े, हाईवे के बीचों-बीच एक गाय खड़ी थी। वो अचानक अतीक की गाड़ी से आकर टकरा गई। इसे लेकर परशुराम बताते हैं कि गाय साइड से आई, इसलिए हमें नजर ही नहीं आई। अचानक टकराने से एक झटका लगा। तेजी से ब्रेक लगाने के कारण अंदर बैठा अतीक हड़बड़ा गया।

MP बॉर्डर पर अतीक को ले जा रही वैन से गाय टकरा गई।
MP बॉर्डर पर अतीक को ले जा रही वैन से गाय टकरा गई।

चाय बिस्कुट खाकर चलाई गाड़ी
रास्ते में आपने और अतीक ने क्या खाया? इस सवाल के जवाब में परशुराम बताते हैं कि हमने तो 25, 26 और 27 मार्च तक चाय-बिस्कुट खाकर ही गाड़ी चलाई। अतीक के बारे में बहुत कुछ नहीं बता सकता। उसके खाने के लिए भी पुलिस ने इंतजाम कर रखा था। 27 मार्च को जब गाड़ी लेकर यहां आ गया तब जाकर खाना खाया।

  • अतीक को नैनी जेल लाने वाले काफिले के ड्राइवर परशुराम से बातचीत यहां खत्म होती है। आगे उस रूट से गुजरते हैं, जिससे अतीक को प्रयागराज लाया गया...

4 राज्यों से होकर गुजरा काफिला, सबसे ज्यादा UP में रेस्ट टाइम मिला
STF का काफिला शनिवार 25 मार्च की दोपहर को UP से माफिया अतीक को लाने के लिए गुजरात निकला। रविवार 26 मार्च को STF टीम शाम 5:45 बजे साबरमती जेल से निकली। अगले 24 घंटे में काफिले ने अहमदाबाद से राजस्थान के उदयपुर-कोटा होते हुए मध्य प्रदेश में शिवपुरी के रास्ते सोमवार सुबह 9 बजे के करीब उत्तर प्रदेश में एंट्री की। झांसी, जालौन फिर चित्रकूट के रास्ते सोमवार शाम 5:30 बजे प्रयागराज की नैनी जेल पहुंचा। आइए पड़ाव-दर-पड़ाव रूट को समझते हैं।

  • साबरमती जेल से निकलकर करीब 257 किलोमीटर दूर टीम ने पहला पड़ाव लिया। जगह थी उदयपुर। यहां काफिला 9 बजकर 20 मिनट पर पहुंचा और करीब 15 मिनट तक रुका।
  • उदयपुर से निकलकर काफिला 370 किलोमीटर पर चितौड़गढ़ में रुका। समय रात के 1 बज रहे थे। यहां करीब 4 मिनट का हॉल्ट लिया गया।
  • चितौड़गढ़ से करीब 530 किलोमीटर दूर मेनाल में रात 3 बजे काफिले ने तीसरा पड़ाव लिया। यहां गाड़ियां 5 मिनट तक खड़ी रहीं।
  • मेनाल से निकलकर काफिला कोटा पहुंचा। 539 किलोमीटर दूर चौथे हॉल्ट पर गाड़ियां करीब 4 मिनट तक रुकीं।
  • कोटा से निकलकर काफिला 767 किलोमीटर तक नॉनस्टॉप चला। सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर शिवपुरी पहुंचा। यहां 7 मिनट तक काफिला रुका रहा।
  • मध्यप्रदेश के शिवपुरी से निकल काफिला झांसी पहुंचा। ये UP का पहला पड़ाव था। यहां 9 बजकर 12 मिनट पर गाड़िया पहुंचीं और करीब डेढ़ घंटे का ब्रेक लिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, झांसी में अतीक को नाश्ता ऑफर किया गया, लेकिन उसने मना कर दिया।
  • सातवां पड़ाव झांसी के बाद जालौन था। यहां 12 बजकर 12 मिनट पर काफिला पहुंचा और करीब 15 मिनट का ब्रेक लिया गया। जालौन में पेट्रोल पंप से रवाना होने के बाद जब अतीक का काफिला आगे बढ़ रहा था, तो उसी बीच BJP सांसद सुब्रत पाठक का बड़ा बयान सामने आया। सुब्रत ने कहा, "मैं चाहता हूं कि अतीक की गाड़ी पलट जाए। सत्ता के संरक्षण से ही अतीक आगे बढ़ा है। उसे कठोर सजा मिलनी चाहिए।"
  • 8वां और आखिरी पड़ाव चित्रकूट था। यहां टीम 3 बजकर 40 मिनट पर पहुंची और करीब 10 मिनट रुकी। 3:40 बजे चित्रकूट से निकलकर काफिला फाइनली 5:30 बजे नैनी सेंट्रल जेल पहुंचा।

अतीक को लाने पहुंचे 30 पुलिसकर्मी, केवल 5 के पास था मोबाइल

अतीक के काफिले के साथ चलते पुलिसकर्मी।
अतीक के काफिले के साथ चलते पुलिसकर्मी।

गुजरात की साबरमती जेल से अतीक को लेकर लौट रही 30 पुलिसकर्मियों की टीम में सिर्फ 5 अधिकारियों के पास ही मोबाइल फोन थे। इनमें IPS अभिषेक भारती, एक दूसरा IPS और 3 DSP रैंक के अधिकारी शामिल थे। जिस वज्र वाहन में अतीक को बैठाया गया। उसमें तैनात किसी भी पुलिसकर्मी के पास मोबाइल नहीं था। इन 5 अफसरों को छोड़कर सभी पुलिसकर्मियों के मोबाइल पहले ही जमा करवा लिए गए थे।

मीडिया को चकमा देने पुलिस ने रास्ता बदला था
अतीक अहमद को ले जा रही उत्तर प्रदेश पुलिस ने मीडिया के काफिले को सड़क पर देखकर रास्ता बदल दिया। मीडिया को चकमा देने के लिए अहमदाबाद पुलिस ने UP STF की वैन को शाही बाग अंडरपास से यू-टर्न लेकर नरोडा-चिलोदा रोड से शामलाजी की तरफ मोड़ दिया। शाही बाग अंडरपास से कुछ दूर ही अहमदाबाद पुलिस ने मीडिया की कई गाड़ियों को आगे बढ़ने से रोक दिया था।

आखिर में जान लीजिए कि अतीक को किस मामले में प्रयागराज जेल लाया गया था...

अतीक ने साल 2006 में उमेश पाल को गन पॉइंट पर अगवा कर लिया था। उमेश ने 2007 में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कराया था। इस केस में प्रयागराज की स्पेशल MP/MLA कोर्ट 28 मार्च को फैसला सुनाएगी। इसी केस में आरोपी अतीक को कोर्ट में पेश करने के लिए यूपी STF उसे प्रयागराज लाई है।

उमेश पाल मर्डर केस के आरोपी गैंगस्टर अतीक अहमद से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें...

  • हाई-सिक्योरिटी बैरक बनाई गई, 16 CCTV लगाए गए; बेटे की बैरक बदली गई

उमेश पाल मर्डर केस का आरोपी गैंगस्टर अतीक अहमद प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल पहुंच गया है। बरेली जेल से उसके भाई अशरफ को भी यहां लाया गया है। अतीक का बेटा अली अहमद पहले से ही इस जेल में बंद है। जेल प्रशासन ने तय किया है कि मंगलवार को कोर्ट में अतीक की पेशी से पहले इन तीनों की मुलाकात न हो पाए। जेल की सुरक्षा पहले से बढ़ा दी गई है। अतीक के लिए जेल के अंदर एक हाई-सिक्योरिटी बैरक बनाई गई है। 16 नए CCTV लगाए गए हैं।

दैनिक भास्कर की टीम इस वक्त नैनी सेंट्रल जेल पहुंची। अतीक की सुरक्षा में कौन से अधिकारी लगाए गए हैं, सुरक्षा में क्या बदलाव किया गया है, बेटे और भाई से मुलाकात न हो इसकी क्या वजह है जैसे तमाम सवालों के जवाब आइए जानते हैं। पूरी खबर पढ़ें...

  • आज कोर्ट में पेशी; 1300 KM का सफर 23 घंटे 45 मिनट में पूरा किया, 8 बार रुका काफिला

यूपी STF के अफसर और 30 हथियारबंद जवान अहमदाबाद पहुंचे और शाम 4 बजे तक गुजरात पुलिस से अतीक की कस्टडी ली। 5 बजकर 44 मिनट पर अतीक को साबरमती जेल से बाहर लाया गया और वैन में बैठा दिया गया। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उसने कहा, 'यूपी STF मेरी हत्या कर देगी।'

भास्कर के 2 रिपोर्टर चेतन पुरोहित और कमल परमार अहमदाबाद से प्रयागराज तक पूरे सफर को फॉलो कर रहे थे। उन्होंने बताया कि सुबह 7 बजे के आसपास जब काफिला MP के शिवपुरी में रोका गया तो अतीक को भी बाहर उतारा गया। उससे पूछा गया कि क्या आपको डर लग रहा है, तो गैंगस्टर बोला- किस बात का डर। पढ़ें पूरी खबर...

  • साबरमती में UP पुलिस का मिशन अतीक: दो दिन पहले STF की टीम बनी, मिशन से सब अनजान थे; अफसर फोन पर रूट बताते रहे

गैंगस्टर अतीक अहमद को गुजरात जेल से उत्तर प्रदेश लाने की तैयारी है। उत्तर प्रदेश पुलिस रविवार को अहमदाबाद की साबरमती जेल पहुंच गई है। अतीक को जबरन वसूली और दंगा भड़काने के केस में प्रयागराज की कोर्ट में पेश होना है। इसके लिए यूपी पुलिस अहमदाबाद पहुंची है। अतीक का नाम उमेश पाल की हत्या में भी शामिल है। पूरी खबर पढ़ें...