प्रयागराज के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय गोहरी में रविवार को मिट्टी का टीला ढहने से पांच छात्राएं उसी में दब गई थीं। इसमें तीन छात्राएं अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है। छात्राओं की आंखों के सामने वह दर्दनाक हादसा अभी भी तैर रहा है। छात्राओं ने बताया कि पांच दिनों से वार्डन मैडम (आरती सिंह) बैठकर हम लोगों से मिट्टी के ढेर को खोदवा रहीं थीं। जिस समय हादसा हुआ उस समय खुद वार्डन वहां कुर्सी पर बैठी थीं। आठवीं की छात्रा वर्षा पटेल व रागिनी का इलाज बेली अस्पताल में चल रहा है जबकि अंकिता स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती है।
पहले बेटियों को बचाएंगे फिर दोषियों को सजा दिलाएंगे
BSA (बेसिक शिक्षा अधिकारी) प्रवीण तिवारी ने सोमवार की रात एसआरएन और बेली अस्पताल में पहुंचकर छात्राओं का हाल जाना। बीएसए जब बेली अस्पताल पहुंचे तो वहां भर्ती वर्षा और रागिनी भावुक हो गईं। बीएसए ने कहा कि बेटी… तुम लोग परेशान न हो पहले मैं अपनी बेटियों को बचाऊंगा फिर दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाऊंगा। उन्हाेंने छात्राओं से कहा कि मैं आप लोगों के साथ हूं, एक-एक लोग जो भी इसमें दोषी होंगे वह बचेंगे नहीं।
शासन स्तर से हो रही मानिटरिंग
शिक्षा मंत्री व प्रमुख सचिव शिक्षा ने इस घटना को गंभीरता से लिया है । वह जिले के आला अफसरों से घायल छात्राओं के बारे में जानकारी ले रहे हैं। यही कारण है कि बेली व एसआरएन अस्पताल में छात्राओं
का इलाज कर रहे डॉक्टरों को निर्देशित किया गया है कि वह इन छात्राओं का प्रतिदिन दो टाइम हेल्थ बुलेटिन जारी करेंगे। बीएसए ने बताया कि पूरे घटनाक्रम की जांच शुरू हो गई है। इसमें तीन सदस्यीय कमेटी जांच कर रही है। जांच रिपोर्ट में जो भी दोषी मिलेंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
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