उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के कारण पीसीएस मेंस परीक्षा निरस्त कर दी गई है। पीसीएस मेंस में केवल 7688 अभ्यर्थियों को ही शामिल होना था। यूपीटीईटी में 22 लाख के लगभग अभ्यर्थी शामिल होने हैं। यह परीक्षा भी 23 जनवरी को है। पूरे प्रदेशभर से अभ्यर्थियों को इस परीक्षा के केंद्रों पर मूव करना है। ऐसे में अब परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सामने यूपी टीईटी को निरस्त करने का दबाव बढ़ गया है। प्रतियोगी भी इस आशय की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि एक सरकार के दो मानक कैसे हो सकता हैं? जब केवल 7688 अभ्यर्थियों वाली पीसीएस मेंस परीक्षा कोरोना के खतरे को देखते हुए टाली जा सकती है तो फिर यूपीटीईटी क्यों नहीं?
23 जनवरी को प्रस्तावित है UPTET
उत्तर प्रदेश सरकार ने बहुप्रतीक्षित उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) 2021 की तिथि 23 जनवरी 2022 रखी है। पहले यह परीक्षा 28 नवंबर को होनी थी पर पेपर लीक होने से इसे निरस्त कर दी गई थी। दो पालियों में आयोजित होने वाली इस परीक्षा के लिए लगभग 22 लाख अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। 23 जनवरी 2022 को दो पालियों यूपीटीईटी 2021 की परीक्षा होनी है। प्रथम पाली का समय सुबह 10:00 से 12:30 रखा गया है। दूसरी वाली का समय 2:30 से 5:00 तक रखा गया है। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा को मिलाकर कुल 21,65,181 अभ्यर्थी सम्मिलित होंगे। यूपी टीईटी में 2019 में 16 लाख आवेदन आए थे। कोरोना महामारी के कारण 2020 में एग्जाम आयोजित नहीं किया जा सका था। 2019 में अध्यापक पात्रता परीक्षा में करीब 16 लाख उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी।
पहली बार 12 नवंबर 2011 को यूपी में टीईटी कराया गया था। उत्तर प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक सरकारी विद्यालयों में शिक्षक के रूप में भर्ती होने के लिए यह परीक्षा पास करना अनिवार्य है।
एक सरकार और दो मानक कैसे ?
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार ही है। ऐसे में दो मानक कैसे हो सकते हैं। जब लोक सेवा आयोग ने पीसीएस की मुख्य परीक्षा कोरोना के कारण टाल दी है तो फिर यूपीटीईटी क्यों नहीं टाली जा सकती। अगर केवल 7688 अभ्यर्थियों के परीक्षा में भाग लेने से कोरोना फैल सकता है तो फिर ऐसी परीक्षा जिसमें पूरे प्रदेश से करीब 22 लाख अभ्यथिर्यों को सम्मिलित होना है से क्या कोरोना नहीं फैलेगा?
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