प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में सोमवार देर रात 12.54 बजे उनके शिष्य आनंद गिरि पर खुदकुशी के लिए उकसाने का मुकदमा थाना जार्ज टाउन में दर्ज हुआ है। आईपीसी की धारा-306 में यह मुकदमा शिष्य अमन गिरी पवन महाराज ने दर्ज कराया है। पढ़िए प्रयागराज के जार्जटाउन थाने में दर्ज FIR...
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि महाराज सोमवार दोपहर साढ़े 12 बजे मठ के कक्ष में भोजन के बाद रोजाना की तरह विश्राम करने गए थे। उनका रोजाना दोपहर 3 बजे चाय का समय होता है। सोमवार को महंत ने चाय पीने के लिए मना कर दिया था और यह कहा था कि जब चाय पीना होगा, हम स्वयं सूचित करेंगे। शाम 5 बजे तक भी जब चाय के बारे में कोई सूचना नहीं मिली तो उन्हें फोन किया गया। मोबाइल स्विच ऑफ था। दरवाजा खटखटाया गया तो कोई आहट सुनाई नहीं दी। इस पर मठ में मौजूद सुमित तिवारी, सर्वेश कुमार द्विवेदी और धनंजय आदि शिष्यों ने धक्का देकर दरवाजा खोला। महाराज पंखे में रस्सी से लटकते हुए पाए गए। जीवन की संभावना को देखते हुए शिष्यों ने रस्सी काटकर महंत को नीचे उतारा। तब तक वे स्वर्गलोकवासी हो चुके थे।
आनंद गिरि हमें बहुत परेशान करता है...
एफआईआर में अमन गिरि ने यह भी बताया है कि महंत नरेंद्र गिरि पिछले कुछ महीनों से आनंद गिरि को लेकर परेशान रहते थे। यह बात कभी-कभी वह खुद भी कहा करते थे कि आनंद गिरि बहुत परेशान करता है।
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