सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली की सदर विधानसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। यहां कांग्रेस से भाजपा में आईं विधायक अदिति सिंह पार्टी की प्रत्याशी होंगी। वहीं कांग्रेस ने अदिति के मुकाबले पर उनके परिवार का ही उम्मीदवार उतारने का मन बनाया है। चर्चा है कि कांग्रेस अदिति सिंह के चाचा पूर्व सांसद स्व. अशोक सिंह की पुत्र वधू आरती सिंह को मैदान में उतार सकती है। ऐसे में अदिति की राह आसान नहीं होगी।
आरती सिंह हाल ही में संपन्न हुए जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में कांग्रेस के सिंबल से अध्यक्ष पद के लिए चुनाव भी लड़ चुकी हैं और वो वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य भी हैं। अगर कांग्रेस सदर सीट से पूर्व सांसद स्व. अशोक सिंह की बहू आरती सिंह को प्रत्याशी बनाती है तो अदिति सिंह जो कांग्रेस छोड़ अब भाजपा में शामिल हो गई हैं, उनके लिए कड़ी चुनौती रहेगी। क्योंकि एक परिवार से दो लोगों का सामने आना चुनौती के रूप में दिखाई दे रहा है। पूर्व सांसद स्व. अशोक सिंह के बेटे मनीष सिंह भी कांग्रेस के नेता हैं। लंबे समय से कांग्रेस में रहकर उनकी पब्लिक में अच्छी पकड़ मानी जाती है।
विधायक अदिति को कितना होगा लाभ
अदिति सिंह के पिता स्व. अखिलेश सिंह सदर सीट से 5 बार विधायक रह चुके थे। उनके सामने कोई भी नेता टिक नहीं पाता था। अखिलेश सिंह निर्दलीय, पीस पार्टी अन्य कई दलों से चुनाव लड़कर विधायक बने थे। अखिलेश सिंह को लोग गरीबों का मसीहा कहते थे। लंबी बीमारी के चलते अखिलेश सिंह का निधन हो चुका है। उनके न रहने पर यह पहला चुनाव है, जो अदिति सिंह अपने दम पर लड़ने जा रही हैं। फिलहाल अब तक लोग अखिलेश सिंह के नाम से ही अदिति सिंह के साथ तन-मन से लगे हुए दिखाई दे रहे हैं।
लोगों ने क्या कहा
जब आम लोगों से बातचीत की गई तो राहुल वाजपेई ने बताया कि अदिति सिंह भारी बहुमत से चुनाव जीतेंगी, क्योंकि इनके पिता गरीबों के मसीहा थे। हर गरीब को उसका हक दिलाने का काम करते थे। साथ ही गरीबों की सुनते थे। अब तो अदिति सिंह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई हैं। सदर सीट को एक परिवार काफी दिन से चला रहा है और आगे भी चलाता रहेगा। अर्जुन यादव ने कहा कि इस बार सपा की सरकार बनने जा रही है।
सदर सीट से सपा से जिसको टिकट मिलेगा, वह सदर सीट का विधायक बनकर जाएगा। अब हर बार की तरह एक ही परिवार का विधायक बार-बार नहीं चुना जाएगा। वहीं कांग्रेस जिला प्रवक्ता विनय द्विवेदी ने कहा, इस बार सदर सीट से कांग्रेस का प्रत्याशी जीतकर विधानसभा जाएगा और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है।
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