उत्तर प्रदेश के रायबरेली में लाखों रुपए की दवाइयों को जलाए जाने के मामले में भाजपा कार्रवाई की मांग कर रही है। भाजपा नेता मामले में जिले के सीएमओ को सीधे तौर पर दोषी मान रहे हैं। भाजपा नेता उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
गरीबों को नहीं बांटी गई थी दवा
सोमवार को वरिष्ठ भाजपा किसान नेता रमेश सिंह सीएमओ के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर धरने पर बैठ गए। उन्होंने सीएमओ के खिलाफ नारेबाजी भी की। इस बीच उन्होंने सरकार की कार्यशैली को भी सवालों के घेरे में लिया। रमेश सिंह ने कहा कि अक्टूबर 2020 से बराबर पत्र देता चला आ रहा हूं कि भ्रष्टाचार हो रहा है।
अगर मेरे उन पत्रों पर विचार हुआ होता, तो हजारों लोग कोरोना से नहीं मरते। कोरोना की दवाइयां गरीबों को नहीं दी गई। लालगंज में लाखों की दवाइयां जला दी गई। मैनें आधी दवाइयां बुझाकर के उनको सील भी करवाया है। इसमें सीएमओ दोषी हैं। उनके विरुद्ध तत्काल प्रभाव से कार्रवाई होनी चाहिए।
कहां से उठा था मामला
28 सितंबर को सीएचसी लालगंज में लाखों रुपए की दवाएं जला दी गई थी। 30 सितंबर को सीएचसी लालगंज की लखनऊ से उच्चस्तरीय जांच टीम आकर जांच करने वाली थी। जिसकी वजह से ये कदम उठाया गया था। कमियां छुपाने के लिए बड़ी संख्या में दवाएं जिनकी अभी एक्सपायरी डेट दो से चार महीने तक बाकी थी उन्हें अस्पताल के पीछे गड्ढे में डालकर जलाया गया था।
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