रायबरेली जिले में हाईवे की सड़कों पर भी चलना मुश्किल हो गया है। राजमार्गों पर जगह जगह गड्ढे होने से आए दिन हादसे हो रहे हैं। पिछले साल पैच मरम्मत के नाम पर करीब छह करोड़ से ज्यादा धनराशि खर्च कर दी गई, लेकिन एक भी सड़क चलने लायक नहीं बन सकी। विभागीय अधिकारी और ठेकेदारों की मनमानी का खामियाजा आमजन भुगत रहे हैं।
दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार को पहुंचे लोकनिर्माण मंत्री जितिन प्रसाद के अलावा कपिल देव अग्रवाल व मयंकेश्वर शरण सिंह ने सड़कों को बनवाने में मनमानी पकड़ी थी। जांच में पता चला था कि हरचंदपुर से सिरसा घाट सड़क बनाने में मानक के विपरीत 20 सेंटीमीटर चौड़ाई ही कम कर दी। मौजूदा समय में करीब 500 किलोमीटर सड़कें ऐसी हैं, जो चलने लायक नहीं है। इससे आए दिन लोग गिरकर जख्मी हो रहे हैं। जिले से होकर गुजरे राजमार्गों व संपर्क मार्गों पर भारी-भरकम गड्ढे किसी दिन भी जानलेवा हो सकते हैं लेकिन अधिकारियों को यह सब नहीं दिख रहा।
मार्ग पर डलवा दी बालू, गिर रहे लोग
मुंशीगंज से डलमऊ जाने वाला राजमार्ग ध्वस्त हो गया है। व्यापारियों और एम्स के अफसरों ने कई बार मार्ग को दुरुस्त कराने के लिए लिखा-पढ़ी की, लेकिन नहीं हुआ। शासन स्तर से गठित मंत्री समूह बुधवार को एम्स पहुंचा था। इससे पहले मार्ग पर पड़ने वाले गड्ढों में बालू डलवा दी। बारिश होने से कीचड़ हो गया।
अनशन के बाद भी नहीं बन सकी सड़क
इन्हौना- महराजगंज मार्ग को दुरुस्त कराने के लिए पिछले साल रामकेवल अनशनकारी के नेतृत्व में एक महीने तक धरना प्रदर्शन व आमरण अनशन चला। लोक निर्माण और प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद अनशन समाप्त हुआ। लोक निर्माण विभाग ने 29 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर भेजा, लेकिन बजट नहीं मिला।
बारिश के बाद होगी मरम्मत
दिनेश कुमार, नोडल अधिकारी, लोक निर्माण विभाग ने बताया कि पारदर्शी निष्पक्ष हाईवे पर सड़कों की मरम्मत लगातार कराई जा रही है। बारिश के कारण कई जगहों पर सड़कें उखड़ गई हैं। बारिश खत्म होते ही सभी सड़कों को दुरुस्त कराया जाएगा।
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