हजारों हेक्टेयर धान की फसल जलमग्न:रायबरेली में बारिश से उफनाई कसरावां झील, चौपट हुई धान की फसल; किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी

रायबरेली2 वर्ष पहले
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हजारों हेक्टेयर धान की फसल जलम - Dainik Bhaskar
हजारों हेक्टेयर धान की फसल जलम

रायबरेली जिले के शिवगढ़ ब्लॉक के खदरा गांव में उफनाई कसरावां झील की चपेट में आने से हजारों हेक्टेयर धान की फसल जलमग्न होकर चौपट हो गई। फसल चौपट होने से नेरहुआ ग्राम पंचायत के किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। सोमवार को आक्रोशित किसानों ने सिंचाई विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों ने कहा कि यदि खदरा गांव के पास कसरावां ड्रेन में साइफन नहीं बनाया गया तो आंदोलन किया जाएगा।

हजारों हेक्टेयर धान की फसल जलमग्न

बता दें कि शिवगढ़ ब्लॉक क्षेत्र के नेरहुआ ग्राम पंचायत में कसरावां झील है। इसी झील से सिंचाई विभाग खण्ड-28 के अन्तर्गत कसरावां ड्रेन आती है। इसी ड्रेन से बसंतपुर, सकतपुर ग्राम पंचायत अंतर्गत खदरा गांव के पास अछई कट माइनर के नीचे सकरी मोहरी के तीन ढोले डालकर कसरावां ड्रेन के जल निकास का रास्ता बनाया गया है, जिनमें से एक ढोला जाम है। सिर्फ दो ढोलों से ड्रेन का पानी निकल रहा है। इन ढोलों से पर्याप्त मात्रा में जल निकास न हो पाने के कारण हर साल कसरावां झील व उसके आसपास की हजारों हेक्टेयर धान की फसल जलमग्न होकर चौपट हो जाती है।

सिंचाई विभाग के खिलाफ की नारेबाजी

आलम यह है कि मूसलाधार बारिश की छाप गांव तक चढ़ गई है। कई गांवों के सैकड़ों किसानों की हजारों हेक्टेयर धान की फसल कसरावां ड्रेन और कसरावां झील की चपेट में आकर चौपट हो गई है। कई परिवार तो अपनी जीविका चलाने के लिए शहरों की ओर पलायन करने लगे हैं, जिसको लेकर रविवार को आक्रोशित किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। नेरहुआ ग्राम पंचायत के बरगदहा गांव में इकट्ठा हुए सैकड़ों किसानों ने सिंचाई विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर प्रदर्शन किया।

विधायक ने पूरा नहीं किया वादा

किसानों ने बताया कि उनकी पूरी खेती कसरावां झील में है। खदरा गांव के पास अछई कट माइनर के नीचे साइफन न बना होने के चलते हर साल उनकी धान की फसल जलमग्न होकर चौपट हो जाती है। मजबूरन परिवार की जीविका चलाने के लिए शहरों के लिए पलायन करना पड़ता है। किसानों ने बताया कि 3 वर्ष पूर्व बछरावां विधायक रामनरेश रावत ने वादा किया था कि सायफन बनवा देंगे, लेकिन उनका दावा भी हवा-हवाई साबित हुआ। इसके अलावा उन्होंने एसडीएम, डीएम, सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता व एमएलसी से दर्जनों बार गुहार लगाई, लेकिन नतीजा शून्य रहा। सिर्फ झूठे आश्वासन मिले।

गांव में नेताओं का प्रवेश करेंगे वर्जित

आक्रोशित किसानों ने कहा कि अब वे तब तक चुप नहीं बैठेंगे, जब तक खदरा गांव के पास साइफन बन नहीं जाता। किसानों ने कहा कि यदि 2022 के चुनाव से पूर्व साइफन नहीं बना तो मतदान का बहिष्कार करेंगे। गांव में नेताओं का प्रवेश वर्जित के बोर्ड लगा देंगे। इस मौके पर क्षेत्र पंचायत सदस्य उदय कुमार, शिवगढ़ द्वितीय से जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि केतार पासी, नीरज कुमार, जयशंकर गुप्ता, अशोक कुमार मिश्रा, गुरु सेवक, रामकुमार मैकूलाल आदि लोग मौजूद रहे।

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