रामचरित मानस पर दिये गए अपने विवादित बयान पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अभी भी अडिग हैं। इस बार उन्होंने पंडा और पुजारियों को घेरा है। स्वामी ने कहा कि मेरा वही लोग विरोध कर रहे हैं जो पुजारी और पंडा समाज से हैं। उन्हें इस बात का डर है कि अगर दलित, आदिवासी और पिछड़े साथ आ गए तो मंदिरों में लोग जाना बंद कर देंगे और इनका धंधा बन्द हो जाएगा। स्वामी प्रसाद मौर्य ने ये बातें रायबरेली दौरे के दौरान कही हैं।
उन्होंने अपने बयान को निजी बताया है। सपा नेता शिवपाल यादव का उनके बयान से किनारा करने के सवाल पर उन्होंने कहा, " ये बयान मेरा निजी बयान है, शिवपाल यादव ने ठीक कहा है कि ये मेरा अपना बयान है। समाजवादी पार्टी का इस बयान से कोई लेना देना नहीं है।"
बोले- मैं वर्ग विशेष का हमेशा विरोध करता रहूंगा
मौर्या ने आगे कहा, " एक वर्ग विशेष का वह पहले भी विरोध करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। मैं इस तरीके से हमला बोलता आया हूं और लगातार बोलता रहूंगा। मैं किसी से डरता नहीं हूं ना ही मेरी कोई आवाज दबा सकता है।
मंत्रियों के बयान पर उन्होंने कहा ," लगातार मुझपर हमले पर हमले बोले जा रहे हैं, जुबानी हमलों से स्वामी प्रसाद मौर्य डरने वाला नहीं है, मैं लगातार हमले पर हमला बोलता आया हूं, लगातार बोलता रहूंगा, मैं अपनी आवाज को उठाता रहूंगा।"
स्वामी प्रसाद मौर्या गौरा ब्लॉक में तेरहवीं कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। जहां पर वह सवालों के जवाब दे रहे थे। बताते चलें कि रामचरित मानस पर उन्होंने विवादित बयान दिया था। कहा था रामचरित मानस को करोड़ों लोग नहीं पढ़ते। सब बकवास है। इसी बयान को लेकर सत्तारुढ़ भाजपा समेत हिंदू संगठनों ने विरोध जताया था। पूरे प्रदेश में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। कई जिलों में स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है।
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