रामपुर एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में आजम खान की पेशी:फर्जी पास्टपोर्ट और पैन कार्ड मामले में हुई सुनवाई, भाजपा नेता ने दी गवाही

रामपुरएक वर्ष पहले
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15 जनवरी को मामले की अगली सुनवाई स्पेशल कोर्ट में ही होगी। - Dainik Bhaskar
15 जनवरी को मामले की अगली सुनवाई स्पेशल कोर्ट में ही होगी।

रामपुर एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान की वर्चुअल पेशी की गई। सोमवार को फर्जी पास्टपोर्ट, दो पैन कार्ड और दो बर्थ सर्टिफिकेट मामले की सुनवाई हुई। मामले में भाजपा नेता की गवाही भी दर्ज की गई।

15 जनवरी को मामले की अगली सुनवाई स्पेशल कोर्ट में ही होगी। बता दें, फर्जी पासपोर्ट मामले में आजम के बेटे अब्दुल्लाह आजम और उनकी विधायक पत्नी डाॅ. तजीन फातिमा के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। इसी को लेकर सुनवाई हुई है।

उम्र कम दिखाकर बेटे ने लड़ा चुनाव

दरअसल, आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम पर आरोप है कि जब उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा था तो उनकी आयु कम थी। दस्तावेजों में हेरफेर करके उम्र बढ़ाकर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाया। इसी प्रमाणपत्र को लगाकर उन्होंने चुनाव लड़ा और जीत गए। पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां भी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी थे। उन्होंने ऑब्जर्वर से अब्दुला आज़म की कम उम्र की शिकायत की थी, लेकिन उनकी शिकायत को उस वक्त दरकिनार कर दिया गया।

भाजपा नेता ने आजम पर दर्ज कराया मुकदमा

सरकार बदलने पर नवेद मियां की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले में भाजपा नेता आकाश सक्सेना उर्फ हनी ने भी मुकदमा दर्ज कराया। आरोप है कि इन्ही फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पैन कार्ड और फर्जी पासपोर्ट भी बनवाए गए। इस मामले में शिकायत होने के चलते उनके खिलाफ तीन मुकदमे एमपी एमएलए कोर्ट में विचाराधीन हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर किया गया है। इस खास अदालत में अन्य गवाहों की गवाही के लिए 15 जनवरी नियत की है। कोर्ट बदलने के लिए आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना दिया था।

तीनों मामलों में बेटा अब्दुल्ला आजम है आरोपी

जन्म प्रमाण पत्र मामला में सांसद आजम खान उनकी पत्नी शहर विधायक डॉक्टर तजीन फातिमा और उनका बेटा अब्दुल्ला आजम आरोपी हैं, जबकि पैन कार्ड मामले में आजम खान और अब्दुल्ला आजम नामजद है। वहीं पासपोर्ट मामले में सिर्फ अब्दुल्ला आजम ही नामजद है। इन हाई प्रोफाइल मामलों में न्यायालय द्वारा तेजी से सुनवाई की जा रही है।